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चीन के जरिये बड़े पैमाने पर भारत पहुंच रही हैं अवैध सिगरेट, मिजोरम सीमा पर हुई जब्त

देश में तंबाकू के खिलाफ बने सख्त ‘कोटपा’ कानून के बाद अवैध सिगरेट की तस्करी में बढ़ोत्तरी हुई है। सूत्रों के अनुसार, चीन और इंडोनेशिया से बड़े पैमाने पर सिगरेट तस्करी के जरिये भारत लाई जा रही हैं। ज्यादातर सिगरेट पूर्वोत्तर के राज्यों की सीमाओं के जरिये भारत पहुंच रही हैं। अनुमान है कि इससे सरकार को प्रतिवर्ष 15-20 हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है। एक दिन पूर्व ही असम राइफल ने मिजोरम सीमा पर साढ़े छह करोड़ रुपये की अवैध सिगरेट जब्त की हैं जो म्यांमार के जरिये भारत लाई गई थी।

टोबैको इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश के बाजार में एक चौथाई अवैध सिगरेट की बिक्री होती है। प्रतिवर्ष करीब 28 अरब सिगरेट अवैध सिगरेट भारतीय बाजार में खपाई जा रही है जिससे 15-20 हजार करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति देश को होती है। भारत अवैध सिगरेटों की बिक्री का चौथा बड़ा बाजार बन चुका है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 सालों में भारत में अवैध सिगरेट की बिक्री दोगुनी हुई है। दस साल पूर्व ही कोटपा कानून लागू होना शुरू हुआ था।

वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार अवैध सिगरेट जिस देश में बनती हैं, वहां भी उन पर टैक्स चोरी होती है। तथा अवैध तरीके से इन्हें देश में लाया जाता है। इसलिए ये कम कीमत में लोगों को उपलब्ध होती हैं। देश में निर्मित होने वाली सस्ती से सस्ती सिगरेट भी दो सौ रुपये (10 स्टिक) से अधिक की कीमत पर मिलती है जबकि अवैध सिगरेट 150 रुपये प्रति डिब्बा (20) स्टिक मिल जाती है। इससे लोग अवैध सिगरेट खरीदने को तरजीह देते हैं। लेकिन अवैध सिगरेट सिर्फ टैक्स चोरी का मामला नहीं है, इसमें तंबाकू निषेध संबंधी कोटपा कानून का उल्लंघन भी है। कोटपा के तहत भारत में बिकने वाली सिगरेट के डिब्बे पर तंबाकू के दुष्प्रभाव को व्यक्त करने वाली चित्र चेतावनी लिखना अनिवार्य है। लेकिन अवैध तरीके से आ रही सिगरेट पर ऐसी कोई चेतावनी भी नहीं होती है। इसलिए तत्काल इस पर रोक लगानी चाहिए।सरकारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 21 तक देश में 1772 करोड़ की अवैध सिगरेट जब्त की गई थी जबकि 2020 में 188 करोड़ की अवैध सिगरेट जब्त हुई थी। यानी इसमें दस गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। कस्टम विभाग और रेवेन्यू इंटेलीजेंस विभाग अवैध सिगरेट के कारोबार को हतोत्साहित करने में लगे हुए हैं। हालांकि पूर्वोत्तर की सीमाओं पर सुरक्षा बलों द्वारा भी बड़े पैमाने पर अवैध सिगरेट जब्त की जाती है।