अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में खराब होती सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर भारत वहां से अपने नागरिकों को बाहर निकाल रहा है। रविवार को तीन अलग-अलग विमानों के जरिये 329 भारतीय समेत कुल 392 लोगों को भारत लाया गया। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत अब तक लगभग 590 लोगों को वहां से ले निकाल चुका है। आशंका जताई जा रही है कि 400 से 500 लोग अब भी वहां फंसे हुए हैं।
भारतीय वायुसेना के सी-17 सैन्य परिवहन विमान के जरिये 107 भारतीयों और 23 अफगान सिखों एवं हिंदुओं समेत कुल 168 लोगों को रविवार को काबुल से दिल्ली लाया गया। यह विमान रविवार सुबह हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर उतरा। वहीं, 87 भारतीयों और दो नेपाली नागरिकों के एक अन्य समूह को दुशाम्बे से एयर इंडिया के एक विशेष विमान से वापस लाया गया। इससे एक दिन पहले उन्हें भारतीय वायुसेना के विमान के जरिये काबुल से ताजिकिस्तान
की राजधानी दुशाम्बे ले जाया गया था।
इसके अलावा अमेरिका और नाटो के विमान के जरिये पिछले कुछ दिन में काबुल से दोहा ले जाए गए 135 लोगों के एक समूह को भी विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। भारत ने अमेरिका, कतर, ताजिकिस्तान और कई अन्य मित्र देशों के साथ समन्वय स्थापित करके अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने का अभियान चलाया है। अधिकारियों ने बताया कि काबुल से लाए गए 168 लोगों के समूह में अफगान सांसद अनारकली होनारयार और नरेंद्र सिंह खालसा के अलावा उनके परिजन भी शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने विमान के हिंडन में उतरने से कुछ घंटों पहले ट्वीट किया, ‘भारतीयों की निकासी जारी है। भारत के 107 नागरिकों समेत 168 यात्री भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से काबुल से दिल्ली लाए जा रहे हैं।’ ऐसा बताया जा रहा है कि काबुल से दोहा लाए गए भारतीय अफगानिस्तान स्थित कई विदेशी कंपनियों के कर्मी हैं।
इससे पूर्व, बागची ने देर रात करीब एक बजकर 20 मिनट पर ट्वीट किया था, ‘अफगानिस्तान से भारतीयों को वापस लाया जा रहा है। एआई 1956 विमान ताजिकिस्तान से कुल 87 भारतीयों को दिल्ली ला रहा है। दो नेपाली नागरिकों को भी लाया जा रहा है। इसमें दुशाम्बे में स्थित भारत के दूतावास ने सहायता की। लोगों को निकालने के लिए और उड़ानों का प्रबंधन किया जाएगा।’
तालिबान के पिछले रविवार को काबुल पर कब्जा जमाने के बाद भारत काबुल से पहले ही भारतीय राजदूत और दूतावास के अन्य कर्मियों समेत 200 लोगों को वायुसेना के दो सी-19 परिवहन विमानों के जरिये वहां से निकाल चुका है। सोमवार को 40 से ज्यादा भारतीयों को लेकर पहली उड़ान भारत पहुंची थी। भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों एवं सुरक्षाकर्मियों और वहां फंसे कुछ भारतीयों समेत करीब 150 लोगों के साथ दूसरा सी-17 विमान मंगलवार को दिल्ली पहुंचा था।
अमेरिकी सैनिकों की स्वदेश वापसी की पृष्ठभूमि में तालिबान ने अफगानिस्तान में इस महीने तेजी से अपने पांव पसारते हुए राजधानी काबुल समेत वहां के अधिकतर इलाकों पर कब्जा जमा लिया है। इन लोगों की वापसी के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अब ध्यान अफगानिस्तान की राजधानी से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने पर होगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार के लिए पहली प्राथमिकता अफगानिस्तान में फिलहाल रह रहे सभी भारतीय नागरिकों के बारे में सटीक सूचना प्राप्त करना है। मंत्रालय ने भारतीयों के साथ ही उनके नियोक्ताओं से अनुरोध किया है कि वे विशेष अफगानिस्तान प्रकोष्ठ के साथ प्रासंगिक विवरण तत्काल साझा करें। एक अनुमान के मुताबिक अफगानिस्तान में अब भी करीब 400 से 500 भारतीय फंसे हो सकते हैं। भारत उन्हें वहां से निकालने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए वह अमेरिका सहित अन्य मित्र देशों के साथ समन्वय से काम कर रहा है। भारत को रोजाना दो विमानों से नागरिकों को निकालने की मंजूरी दी गई है।
अफगानिस्तान से दोहा ले जाए गए 146 भारतीय नागरिकों के दूसरे समूह ने रविवार को दिल्ली की उड़ान भर दी। उनके सोमवार को स्वदेश पहुंचने की संभावना है। कतर स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को ट्विटर पर यह जानकारी दी।