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काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग में अफगान सैनिक की मौत, पंजशीर के करीब जमा हुए तालिबान लड़ाके

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़ने के लिए अफरा-तफरी मची हुई है। इस बीच काबुल अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के एक गेट के पास सोमवार तड़के गोलीबारी में एक अफगान सैनिक की मौत हो गई। जर्मन अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एयरपोर्ट पर गोलीबारी के बीच तालिबान ने अपने लड़ाकों को उत्तरी क्षेत्र में भेजा है। यहां उसे सशस्त्र प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। तालिबान ने कहा कि उसने तीन जिलों पर फिर से कब्जा कर लिया है जिसे एक दिन पहले उसके विरोधियों ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसके साथ ही पंजशीर को भी तालिबानी लड़ाकों ने घेर लिया है।

किन हालात में गोलीबारी स्पष्ट नहीं 
काबुल एयरपोर्ट के एक द्वार के पास सोमवार को गोलीबारी हुई जहां एक दिन पहले भगदड़ में सात लोगों की मौत हो गयी थी। किन परिस्थितियों में गोलीबारी हुई यह स्पष्ट नहीं है। जर्मन सेना ने ट्वीट करके बताया कि सोमवार को गोलीबारी में अफगानिस्तान के एक सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई जबकि तीन अन्य घायल हो गए हैं। बाद में जर्मन सेना ने स्पष्ट किया कि वह हवाई अड्डे की सुरक्षा में जुटी अफगान सेना के सदस्यों का हवाला दे रही थी। तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों ने समर्पण कर दिया। 

संगठन का घायल सदस्यों के इलाज का दावा
अफगानिस्तान में अस्पतालों का संचालन करने वाले इतालवी मानवीय सेवा संगठन ने कहा कि उसने हवाई अड्डे पर गोलीबारी में घायल हुए छह मरीजों का इलाज किया। अमेरिकी सेना और नाटो ने गोलीबारी की घटना के बारे में अभी कुछ नहीं कहा है। तालिबान ने भी घटना के बारे में टिप्पणी नहीं की है। तालिबान ने अफरा-तफरी भरे बचाव अभियान के लिए अमेरिकी सेना को दोष दिया है और कहा है कि अफगान लोगों को उससे डरने की जरूरत नहीं हैं। हालांकि हवाई अड्डे के आसपास एकत्र भीड़ को काबू में करने के लिए तालिबान के लड़ाकों ने हवा में गोली चलाई और लोगों पर लाठियां चलाईं।

पंजशीर में जुट रहे तालिबानी
उधर तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा कि उन्होंने पंजशीर प्रांत को घेरना शुरू कर दिया है। अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से पंजशीर इकलौता ऐसा प्रांत है जहां तालिबान कब्जा नहीं कर सका है। अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति रहे अमरूल्ला सालेह ने ट्विटर पर लिखा कि तालिबान लड़ाके प्रांत के आसपास एकत्रित हो गए हैं। 2001 में तालिबान को हटाने के लिए अमेरिका का साथ देने वाले ‘नार्दर्न अलायंस संगठन के दिवंगत कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने कहा कि उसके लड़ाके भी पंजशीर में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि ताकत से प्रांत पर कब्जा करने के किसी भी प्रतिरोध का उनके लड़ाके मुकाबला करेंगे लेकिन तालिबान के साथ वार्ता का रास्ता खुला है।