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सरकारी कर्मचारियों से अब विभाग करेगा वसूली, जानिए क्या है वजह

उत्तराखंड जल संस्थान के पंप ऑपरेटरों से वसूली की जाएगी। पूर्व में गलत इंक्रीमेंट लगने से ये वसूली की नौबत आई है। अब कर्मचारियों को वसूली के नोटिस भेजे जा रहे हैं। जिनसे कर्मचारियों में खलबली मची हुई है।  पूर्व के सालों में जो इंक्रीमेंट कर्मचारियों को जुलाई के महीने में लगना था, वो  जनवरी के महीने में लगा दिया गया। ये चूक कई सालों तक पकड़ में नहीं आई। जब तक ये चूक पकड़ में आती, काफी देरी हो चुकी थी।

प्रत्येक कर्मचारियों को एक अच्छी खासी रकम अतिरिक्त रूप से भुगतान की जा चुकी थी। अब जब पड़ताल में ये चूक पकड़ में आई, तो हिसाब  बनाया गया। पंप ऑपरेटरों पर एक से सवा लाख के करीब अतिरिक्त रकम गई है। जिसे अब वसूल किया जाएगा। कर्मचारी संगठनों ने प्रबंधन पर दबाव बनाया है कि कर्मचारियों से वसूली में दबाव न बनाया जाए। क्योंकि अतिरिक्त भुगतान के लिए कर्मचारी दोषी नहीं है।

इसी दबाव का असर है जो कर्मचारियों से एक साथ बड़ी रकम वसूल नहीं की जा रही है। बल्कि किश्तों में हर महीने वेतन से कटौती होगी। किश्तों का निर्धारण कर्मचारी के रिटायरमेंट अवधि को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।  जल संस्थान कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री गजेंद्र कपिल ने कहा कि प्रबंधन को साफ कर दिया गया है कि कर्मचारियों पर अतिरिक्त दबाव न बनाया जाए। उन पर अतिरिक्त भार न डाला जाए, बीच का रास्ता निकालें। 

स्वरोजगार योजनाओं के सीडीओ नोडल अफसर
जिलों में संचालित सभी विभागों की  स्वरोजगार योजनाओं की नियमित निगरानी को नोडल अफसर की जिम्मेदारी सीडीओ को दी गई है।  अपर मुख्य सचिव नियोजन मनीषा पंवार की ओर से इसके विधिवत आदेश किए गए। नोडल अधिकारी का जिम्मा होगा कि वे 15 सितंबर तक आवेदकों, सम्बन्धित विभागों और बैंकों का संयुक्त कैंप आयोजित कर आवेदनों का निस्तारण करेंगे। सभी पात्र आवेदकों को दिनांक 30 सितंबर तक ऋण वितरित करने होंगे। नोडल अफसर स्वरोजगार स्थापना तक नियमित निगरानी कर रिपोर्ट देंगे। कर्मचारियों को एक इंक्रीमेंट समय से पहले लग गया था। इसके कारण उन्हें अतिरिक्त वेतन का भुगतान हो गया। अब इस अतिरिक्त भुगतान की वसूली की जा रही है। ये वसूली एक साथ नहीं की जा रही है। बल्कि वेतन से किश्तों के रूप में कटौती होगी। ताकि कर्मचारियों पर अतिरिक्त वित्तीय भार न पड़े।