केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से भेजे गए सभी 9 जजों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। इन 9 जजों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं। इन नामों में से कोई एक आने वाले समय में भारत की पहली महिला तीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भी बन सकती हैं।
कॉलेजियम ने जिन नामों की सिफारिश की है उनमें कर्नाटक हाई कोर्ट की जस्टिस बीवी नगरत्ना, तेलंगाना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस हिमा कोहली, गुजरात हाईकोर्ट की जस्टिस बेला त्रिवेदी के नाम भी हैं। बाकी नामों में नामों में जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका (कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), विक्रम नाथ (गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), जितेंद्र कुमार माहेश्वरी (सिक्किम हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश) , सीटी रविकुमार (केरल हाई कोर्ट में न्यायाधीश) और एमएम सुंदरेश (केरल हाई कोर्ट में न्यायाधीश) शामिल हैं।
मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट में 24 न्यायाधीश हैं। नौ जजों की नियुक्ति के बाद भी शीर्ष न्यायालय में एक पद खाली रहेगा। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की तरफ से दिए गए सभी 9 नामों पर मंजूरी दे दी है।
सिफारिश किए गए नामों में से जस्टिस नागारात्ना भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बन सकती हैं। हालांकि, वह 25 सितंब से 29 अक्टूबर 2027 तक के छोटे समयावधि के लिए यह पद संभाल सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट में कॉलेजियम में CJI एनवी रमना, और जस्टिस उदय यू ललित, एएम खानविलकर, धनंजय वाई चंद्रचूड़ और एल नागेश्वर राव शामिल थे।
नवंबर 2019 में सीजेआई के रूप में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की सेवानिवृत्ति के बाद से, कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत में नियुक्तियों के लिए केंद्र सरकार को एक भी सिफारिश नहीं भेजी थी। 12 अगस्त को न्यायमूर्ति नरीमन के बाहर हो जाने के बाद से 9 लोगों की जगह खाली थी।