इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट शुक्रवार को वाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वह अमेरिकी राष्ट्रपति पर ईरान के साथ परमाणु समझौते पर आगे नहीं बढ़ने का दबाव डालेंगे। पहले यह बैठक गुरुवार को होनी थी, लेकिन अफगानिस्तान के काबुल हवाई अड्डे पर हुए आत्मघाती बम हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद बैठक को स्थगित कर दिया गया। बेनेट ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, ‘इजराइल की जनता की ओर से मैं काबुल में अमेरिकियों की मौत पर शोक व्यक्त करता हूं। इजराइल इस मुश्किल समय में अमेरिका के साथ वैसे ही खड़ा है, जैसे अमेरिका सदैव हमारे साथ खड़ा रहा है।’बेनेट ने वाशिंगटन पहुंचने से पहले स्पष्ट कर दिया कि ईरान के साथ परमाणु करार को आगे नहीं बढ़ाने को लेकर बाइडन पर दबाव बनाना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि ईरान पहले ही काफी यूरेनियम संर्वधन कर चुका है और प्रतिबंधों में ढील ईरान को क्षेत्र में इजराइल के दुश्मनों का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त संसाधन प्रदान करेगी। इजराइल के प्रधानमंत्री ने बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से अलग-अलग मुलाकात कर ईरान तथा अन्य मुद्दों पर बात की। प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली अमेरिकी यात्रा है।बता दें कि काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले के बाद अफगानिस्तान को लेकर चिंताएं और बढ़ गई हैं। अमेरिकी सेना 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से वापस निकलने वाली है, लेकिन इस हमले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अब जो बाइडेन अपनी रणनीति को बदलने पर विचार करेंगे। इस आतंकी हमले में 72 लोगों की मौत हुई है। इनमें 12 अमेरिकी सैनिकों की भी मौत हुई है। इस हमले के बाद बाइडेन ने कहा कि हम इस हमले को न भूलेंगे और न ही माफ करेंगे। उन्होंने आतंकी हमले के जिम्मेदारों पर एक्शन लिए जाने की मांग की है।