लड़कियो में हीमोग्लोबिन की कमी सिर्फ आयरन से ही नहीं बल्कि प्रोटीन प्लाजमा अनियंत्रित होने से भी होती है। यह बात एमजीएम मेडिकल कॉलेज के शोध में पता चला है। कॉलेज की मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च यूनिट (एमआरयू) ने शोध रिपोर्ट को स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को भेजा है।
ऐसी धारणा है कि लड़कियों में हीमोग्लोबिन की कमी सिर्फ आयरन कम होने से होती है। इसलिए चिकित्सक खून की मानकता बनाए रखने के लिए मरीज को आयरन से संबंधित दवा और आयरनयुक्त खानपान पर जोर देते हैं।
टीम का हुआ गठन
इसपर शोध को एमजीएम मेडिकल कॉलेज में फिजियोलॉजी विभाग की डॉ. नीलम चौधरी ने की, जिसमें एमआरयू के नोडल पदाधिकारी डॉ. यूएस सिंह ने टीम लगायी। टीम में साइंटिस्ट कुमार विमल, प्रयोगशाला तकनीशियन कुबेर चन्द्र सेतुआ और डाटा इंट्री ऑपरेटिंग में मनीष कुमार को शामिल किया गया।
200 लड़कियों पर शोध
शोध के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज और पारा मेडिकल की 100-100 छात्राओं(18-21 उम्र वर्ग) का चयन किया गया। शोध के दौरान पहले उनका रक्त लेकर हीमोग्लोबिन की मात्रा देखी गयी। जिसमें कम मात्रा पायी गयी उन्हें प्रोटीनयुक्त भोजन एक हफ्ते तक अपनाने को कहा गया। एक महीने के बाद दोबारा सैंपल लिया गया। पहले के सैंपल की रिपोर्ट के आधार पर वैज्ञानिक विश्लेशण किया गया। इसमें पता चला कि जिन लड़कियों में प्रोटीनयुक्त खानपान से पहले हिमोग्लोबिन की मात्रा 6 या 7 ग्राम प्रति डेसीलीटर थी उनमें बढकर 7 से 8 हो गयी है। इस शोध से पता चला कि आयरन के साथ प्रोटीन से भी हीमोग्लोबिन बढता है।