रेल मंत्रालय ने आधुनिक सुविधा से सुसज्जित और विशेष रूप से दिव्यांगों के लिए डिजाइन नई श्रेणी इकॉनोमी एसी 3 (वातानुकूलित 3 टियर) औपचारिक रूप से शुरू करने की घोषणा की है। विभिन्न जोन को ऐसे इकॉनोमी एसी-3 के 50 कोच दिए गए हैं। इसके साथ ही इसका किराया तय कर दिया है। जोकि सामान्य श्रेणी के एसी 3 के बेसिक किराये से आठ फीसदी कम है।
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि देशभर में चलने वाली मेल-एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेन में इकॉनोमी एसी 3 कोच लगाए जांएगे। यह कोच स्लीपर के स्थान पर लगेंगे। ट्रेनों में स्लीपर कोच की संख्या कम करने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि इकॉनोमी एसी 3 में बच्चों के किराए की दर, सभी प्रकार की रियायत, टिकट रद करने व रिफंड करने के नियम सामान्य एसी 3 के अनुसार लागू होंगे। उन्होंने बताया कि प्रयागराज-जयपुर एक्सप्रेस (टे्रन नंबर 02403) में इकॉनोमी एसी 3 की बुकिंग शनिवर से शुरू हो गई है। विभिन्न जोनल रेलवे को अब तक 50 इकॉनोमी एसी 3 कोच भेजे जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि इकॉनोमी एसी 3 में 83 बर्थ हैं, जबकि सामान्य एसी 3 में 72 बर्थ होती हैं। यानी एक कोच में 11 अतिरिक्त बर्थ होंगी। इसी अनुपात में रेलवे ने इकॉनोमी एसी 3 का किराया आठ फीसदी कम रखा है। इन कोचों को दिव्यांगों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। इसमें मोबाइल फोन चार्जिंग की सुविधा, मैग्जीन होल्डर्स, फायर सेफ्टी की आधुनिक व्यवस्था की गई है। ऊपर की बर्थ पर चढ़ने की आरामदेय सीढ़ियां बनाई गई है।
अधिकारियों ने कहा कि नए कोचों का किराया मौजूदा स्लीपर क्लास की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के आधार मूल्य का 2.4 गुना है। ऐसे 50 कोच अलग-अलग जोनल रेलवे को दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “अब, चूंकि किराया तय हो गया है, इन डिब्बों को मौजूदा मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में जोड़ा जाएगा। जो ट्रेनें अधिकतम लंबाई के साथ चल रही हैं, उनमें ये कोच स्लीपर क्लास के डिब्बों की जगह लेंगे।”
उन्होंने बताया कि 300 किलोमीटर तक का बेस फेयर 440 रुपये होगा जो दूरी के हिसाब से सबसे कम है, जबकि 4,951 से 5,000 किलोमीटर के लिए अधिकतम बेस फेयर 3,065 रुपये है। रेलवे ने पहले दावा किया था कि वातानुकूलित थ्री-टियर इकोनॉमी कोचों को गेमचेंजर के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि वे सबसे सस्ती कीमत पर बेहतरीन एसी यात्रा की पेशकश करेंगे। नियमित 3AC कोचों में दो साइड बर्थ होते हैं, जिन्हें नए कोचों में बढ़ाकर तीन कर दिया जाएगा। रेलवे की योजना के मुताबिक, इस वित्त वर्ष तक या तो इस साल या अगले साल की शुरुआत में करीब 806 नए डिब्बे तैयार किए जाने हैं।