हमास के सैकड़ों समर्थकों ने इजराइली सेना की ओर विस्फोटक फेंककर इजराइल के साथ लगती सीमा पर प्रदर्शन किए। इजराइली सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की। प्रदर्शनों के आयोजकों ने कहा कि हफ्ते भर चलने वाले प्रदर्शनों का मकसद गाजा पट्टी पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों में ढील देने के लिए इजराइल पर दबाव बढ़ाना है।
हमास के 2007 में गाजा पर नियंत्रण के बाद से इजराइल और मिस्र ने उस पर पाबंदी लगा रखी है। हमास ने फलस्तीन में चुनाव जीतने के एक साल बाद गाजा पर नियंत्रण किया।
इन प्रतिबंधों के तहत गाजा में और उसके बाहर सामान तथा लोगों की आवाजाही पर रोक है जिससे इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है। मई में 11 दिन तक चली लड़ाई के बाद इजराइल ने पाबंदियां और कड़ी कर दी हैं और वह अपने दो सैनिकों के पार्थिव शरीर लौटाने तथा दो इजराइली नागरिकों को रिहा करने की मांग कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि इन नागरिकों को हमास ने बंधक बना रखा है।
गाजा के भीतर की तस्वीरों और वीडियो में शनिवार को सैकड़ों फलस्तीनी प्रदर्शन करते हुए दिखायी दिए। कुछ विस्फोटक फेंकते हुए और धमाके की आवाज आने पर जश्न मनाते हुए भी दिखे। इजराइली सेना ने कहा कि सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाते हुए जवाबी कार्रवाई की। इजराइल की ओर कोई हताहत नहीं हुआ है।
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इजराइली गोलीबारी में तीन प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। इससे पहले शनिवार को गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि एक हफ्ते पूर्व ऐसे ही प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से 12 वर्षीय फलस्तीनी लड़का घायल हो गया था।
एक अन्य फलस्तीनी शख्स भी उस प्रदर्शन में मारा गया था और उसकी पहचान हमास की सैन्य शाखा के सदस्य के रूप में की गयी जबकि एक प्रदर्शनकारी ने एक इजराइली सैनिक के सिर में गोली मारी थी। इस सैनिक की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।