अफगान में तालिबान के आतंक के बीच सभी देशों ने कमर कसना शुरू कर दी है। आज से भारत व कजाकिस्तान की सेनाएं 13 दिनों का सैन्याभ्यास करेंगी। इस अभ्यास में पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर विशेष जोर दिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय की ओए बयान में कहा गया था कि “KAZIND-21” अभ्यास ट्रेनिंग नोड, आइशा बीबी, कजाकिस्तान में 30 अगस्त से 11 सितम्बर के बीच आयोजित किया जाएगा।
खबर है कि यह सैन्य अभ्यास भारत और कजाकिस्तान के सशस्त्र बलों को संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत पहाड़ी, ग्रामीण क्षेत्रों में उग्रवाद और आतंकवाद विरोधी अभियानों में प्रशिक्षण का एक अवसर प्रदान करेगा। इस संयुक्त अभ्यास में भारतीय सेना की ओर से बिहार रेजिमेंट के 90 सैन्य कर्मी शामिल होंगे।
सेनाओं के बीच पेशेवर आतंकवाद विरोधी माहौल में अभियानों की योजना और उनके क्रियान्वयन तथा आतंकवाद तथा उग्रवाद संबंधी अभियानों के अनुभवों को साझा किया जाएगा। सैन्य अभ्यास उस 48 घंटों के दीर्घकालीन अभ्यास के पूरा होने के बाद खत्म होगा, जिसमें आतंकवादियों के अर्धग्रामीण ठिकाने को नष्ट करने का परिदृश्य शामिल किया गया है।
इस सैन्य अभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी विश्वास को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही मौजूद बेहतर ट्रेंड को अपनाने में सक्षम होने का भी अवसर मिलेगा।