भारत के हवाई अड्डों और बंदरगाहों को अलर्ट पर रखा गया है। अफगानिस्तान जाकर इस्लामिक स्टेट से जुड़े 25 भारतीयों की एंट्री को लेकर यह रोक जारी किया गया है। एनआईए की ओर से दिल्ली, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में की गई जांच के बाद 25 लोगों के अफगानिस्तान में खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़े होने की बात सामने आई है। एनआईए का कहना है कि उसे इन लोगों के मौजूदा स्टेटस के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन ये अफगानिस्तान गए थे और फिर वहां के नांगरहर प्रांत में जाकर इस्लामिक स्टेट से जुड़ गए थे। इस खुलासे के बाद से ही एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है।देश के 43 प्रमुख हवाई अड्डों, बंदरगाहों और रेल रूटों पर सतर्कता बढ़ाई गई है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसियों को आशंका है कि ये लोग किसी तीसरे देश के जरिए भारत में एंट्री की कोशिश कर सकते हैं। एक अधिकारी ने कहा कि इनमें से कई लोगों के परिवारों का कहना है कि उनकी मौत हो गई है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए अफगानिस्तान की एजेंसियों का इंतजार किया जा रहा है। एनआईए की मांग पर पहले ही इन संदिग्धों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है। इनमें अब्दुल्ला अब्दुल राशिद और डॉ. इजास कल्लुकेटिया भी शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने ही दो दर्जन युवाओं को इस्लामिक स्टेट का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया था। केरल के कासरगोड के रहने वाले पुरायिल को लेकर आशंका है कि अगस्त 2020 में जलाबाबाद अटैक में भी वह शामिल था। इसके अलावा एक और संदिग्ध मोहसिन है, जिसके लेकर यह कहा जाता रहा है कि उसने ही बीते साल अफगानिस्तान में गुरुद्वारे में हुआ हमला कराया था। इसमें 25 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा एजेंसियों का कहना है कि भारतीय मूल की कुछ महिलाएं जो इस्लामिक स्टेट से जुड़ी थीं, उन्होंने अफगानिस्तान की अशरफ गनी सरकार के समक्ष सरेंडर कर दिया था। लेकिन कहा जा रहा है कि तालिबान राज वापस आने के बाद इन्हें जेल से रिहा कर दिया गया है।