उत्तराखंड में बरसात के बाद भूस्खलन से नेशनल हाईवे सहित सहित कई सड़कें बंद हैं। चिंता की बात है कि केंद्र के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑलवेदर रोड ने चम्पावत जिले में लगातार 10 दिन बंद रहने का नया रिकॉर्ड बनाया है। इस अजब रिकॉर्ड से लोगों मुसीबतें बढ़ गई हैं। टनकपुर-पिथौरागढ़ ऑल वेदर रोड इससे पहले अधिकतम सात दिन बंद रही थी। सड़क कब तक खुलेगी अब भी अफसरों के पास इसका स्पष्ट जवाब नहीं है।
चम्पावत और टनकपुर के बीच स्वाला में दस दिन पहले एक पहाड़ी दरक कर ऑल वेदर रोड पर आ गई थी। इससे करीब दो सौ मीटर ऑल वेदर रोड टूट गई है। रोड खोलने के लिए अब तक प्रशासन, एनएच खंड और कार्यदायी कंपनी की तरफ से की गई हर कोशिश फेल साबित हुई है। पहाड़ी रुक-रुक कर गिर रहे बोल्डरों ने नयी मुसीबत खड़ी की है। टनकपुर-पिथौरागढ़ ऑल वेदर रोड का कार्य 2017 में शुरू हुआ था। करीब दो साल पहले भी स्वाला मंदिर के पास पहाड़ी दरकने से पूरी सड़क ही गायब हो गई थी।
टनकपुर-पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे पर मलबा गिरने की घटनाएं भी बढ़ीं हैं। सड़क कब खुलेगी अभी तक यह स्पष्ट नहीं है। प्रदेश के कई जिलों में सड़कें बंद होने से ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है। हाईवे के अचानक बंद होने के बाद गाड़ियों की लंबी-लंगी लाइनें लग जाती हैं, जिससे यात्री कई घंटों तक फंस जाते हैं। पीडब्ल्यूडी सहित नोडल एजेंसी की ओर से सड़कों को खाेलने का कार्य तो किया जा रहा है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से नोडल एजेंसी को सड़क खाेलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।