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मंत्रिमंडल में जगह चाहती हैं महिलाएं, तालिबान के सरकार बनाने से पहले 50 महिलाओं ने किया विरोध प्रदर्शन

अफगानिस्तान में तालिबान के शासन की घोषणा हो चुकी है और जल्द ही तालिबान अपनी सरकार बनाने जा रहा है। ऐसे में देश की महिलाओं को अपने अधिकारों के छीनने का सबसे ज्यादा डर है।  एक रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के पश्चिमी शहर हेरात में कम से कम 50 अफगान महिलाओं ने काम करने के अधिकार के लिए और तालिबान द्वारा बनाई जाने वाली नई सरकार में महिलाओं की भागीदारी की कमी के विरोध में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। बता दें कि तालिबान ने कहा है कि वे शुक्रवार को नई सरकार बना सकते हैं। महिलाओं की मांग है कि उन्हें तालिबान सरकार के मंत्रिमंडल में जगह दी जाए।महिलाओं के इस विरोध के आयोजकों में से एक बसीरा ताहेरी ने एएफपी को बताया कि वह चाहती हैं कि तालिबान महिलाओं को नए मंत्रिमंडल में शामिल करे। ताहेरी ने गुरुवार को कहा, “हम चाहते हैं कि तालिबान हमारे साथ विचार-विमर्श करे। हमें उनकी सभाओं और बैठकों में कोई महिला नहीं दिखती।”

एएफपी के एक पत्रकार से एक महिला ने कहा, “शिक्षा, काम और सुरक्षा प्राप्त करना हमारा अधिकार है। हम डरते नहीं हैं, हम एकजुट हैं।”

एएफपी ने मामले से परिचित दो लोगों का हवाला देते हुए बताया कि शुक्रवार को दोपहर की नमाज के बाद कैबिनेट की घोषणा हो सकती है। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या तालिबान, जिसे उसके 1996-2001 के क्रूर शासन के लिए जाना जाता है वह अब नरम रूख अपनाएगा और महिलाओं की भागीदारी के अपने वादे को पूरा करेगा। सब लोगों की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि युद्ध से जूझने वाले अफगािनस्तान की खराब अर्थव्यवस्था का प्रबंधन तालिबान कैसे करेगा।

तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई ने एक इंटरव्यू में बीबीसी पश्तो को बताया है कि महिलाएं काम करना जारी रख सकती हैं, लेकिन भविष्य की किसी सरकार या किसी अन्य बड़े पद के मंत्रिमंडल में उनके लिए जगह नहीं हो सकती है। बता दें कि पहले तालिबान प्रशासन में कट्टर नेताओं में से एक थे।

तालिबान के एक अधिकारी का टेलीविजन पर लाइव इंटरव्यू करने वाली और फिर अपनी जान के डर से देश से भागने वाली पहली महिला अफगान पत्रकार बेहेश्ता अरगंध ने कतर में एएफपी को बताया कि अफगानिस्तान में महिलाएं “बहुत बुरी स्थिति में” थीं। टोलो न्यूज मीडिया समूह के पूर्व एंकर अरगंड ने कहा, “मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहना चाहता हूं – कृपया अफगान महिलाओं के लिए कुछ करें।”