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अफगान का पड़ोसी है पाक, उसने ही तालिबान को पाला-पोसा; US दौरे पर भारत के विदेश सचिव ने खोली पोल

अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान की वापसी के लिए पाकिस्तान ने किस कदर मदद की है, यह किसी से छिपी नहीं है। अफगानिस्तान संकट पर भारत ने अमेरिका में भी इमरान सरकार की पोल खोली है और कहा कि आतंक के आका के नाम से मशहूर पाकिस्तान ने ही तालिबान को पाला-पोसा है। अमेरिका दौरे पर गए भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान की स्थिति को बहुत करीब से देख रहा है…पाकिस्तान अफगानिस्तान का पड़ोसी है, उसने ही तालिबान का समर्थन और पोषण किया है। ऐसे कई तत्व हैं जो पाकिस्तान समर्थित हैं- इसलिए इसकी भूमिका को उस संदर्भ में देखा जाना चाहिए।विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य अफगानिस्तान की स्थिति पर निष्क्रिय हैं। हम (भारत) जमीन पर नहीं हैं, वहां कोई ऐसेट नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कुछ नहीं कर रहे हैं, हम अफगानिस्तान में रुचि रखने वाले हर देश के संपर्क में हैं। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका अफगानिस्तान में पाकिस्तान की गतिविधियों पर करीब से नजर रखे हुए हैं।

वॉशिंगटन में श्रृंगला ने कहा कि अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में हमने 4 प्रस्तावों को अपनाया, जिनमें अफगानिस्तान पर प्रस्ताव बहुत महत्वपूर्ण था। इसने एक समावेशी बातचीत वाले राजनीतिक समझौते का आह्वान किया, तालिबान से अफगानिस्तान छोड़ने के इच्छुक लोगों को निकालने की सुविधा की मांग की। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान का राज हो चुका है और जल्द ही सरकार का ऐलान होगा।

गौरतलब है कि इससे पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को अमेरिका भारत रणनीतिक साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने उद्योग जगत के नेताओं के साथ दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों पर चर्चा की। श्रृंगला ने भारत में कोविड-19 की घातक दूसरी लहर के दौरान अमेरिकी कारोबार समुदाय को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। श्रृंगला के साथ अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू भी यूएसआईएसपीएफ द्वारा आयोजित व्यापार गोलमेज सम्मेलन में मौजूद थे। यूएसआईएसपीएफ भारत केंद्रित व्यापार पैरोकार समूह है।