बांग्लादेश की संसद ने शनिवार को एक निर्दलीय सांसद के उस अजीबोगरीब प्रस्ताव पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसने देश में बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने के लिए कामकाजी लोगों के बीच विवाह पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था।
सांसद रजौल करीम ने यह भी तर्क दिया कि कामकाजी जोड़ों के बच्चों को अक्सर घरेलू सहायिकाओं द्वारा दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता था। करीम ने कहा, ”नौकरी करने वाले पुरुष कामकाजी महिलाओं से शादी करना चाहते हैं, वैसे ही नौकरी करने वाली महिलाएं भी नौकरी पेशे में व्यस्त पुरुषों से शादी करना चाहती हैं।.. अगर यह सिलसिला जारी रहा तो आप देश में बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं कर सकते।
इस प्रस्ताव पर सदन में कई सदस्यों ने ठहाका लगाया और उनके कई सहयोगियों ने उनका उपहास भी किया। कानून मंत्री अनीसुल हक ने प्रस्ताव को ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति बताया। मंत्री ने कहा, ”अगर मैं प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता हूं तो मैं सदन से दो कदम दूर नहीं जा सकता… यह असंवैधानिक है।
हक ने कहा कि खुद एक जनप्रतिनिधि होने के नाते वह इस तरह के अजीबोगरीब प्रस्ताव को स्वीकार कर अपने करियर को खतरे में नहीं डाल सकते। मंत्री ने कहा, ”क्योंकि हमें बोलने की आजादी है, वह (करीम) जो चाहें कह सकते हैं और वह उस आजादी का फायदा उठा रहे हैं।
करीब वर्ष 2018 में पहली बार उत्तरपश्चिम बोगरा जिले के एक निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बने थे। उन्हें पिछले साल बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के लिए नारीवादी अभियानों को दोषी ठहराने के लिए भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। वह उसी वर्ष अपने फेसबुक अकाउंट पर एक हाथ में पिस्तौल पकड़े हुए एक प्रोफाइल तस्वीर पोस्ट करके मीडिया की सुर्खियों में छा गये थे।