उत्तराखंड में युवाओं के दम पर सत्ता में आई सरकार बेरोजगारों से छलावा कर रही है। रोजगार के नाम पर विभिन्न विभागों में पहले पद निकाले जा रहे हैं और फिर आवेदन के बाद उन्हें निरस्त किया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि आवेदन निरस्त होने के बाद बेरोजगारों की आवेदन फीस तक नहीं लौटाई जा रही। जिससे हजारों बेरोजगारों के सरकार पर लाखों रुपये बकाया हो गए हैं।
बेरोजगार फार्मासिस्टों से वसूले 70 लाख
कांग्रेस सरकार ने 2016 में स्वास्थ्य विभाग में संविदा फार्मासिस्ट के 600 पद निकाले थे। 12 हजार रुपये मानदेय वाले इन पदों के लिए सात हजार के करीब बेरोजगारों ने एक- एक हजार रुपये आवेदन फीस के साथ आवेदन किया, लेकिन भाजपा के सत्ता में आते ही इन पदों को निरस्त कर दिया गया। पद निरस्त हुए चार साल से अधिक समय हो गया, लेकिन अभी तक बेरोजगारों की आवेदन फीस वापस नहीं लौटाई गई। ऐलोपैथी बेरोजगार फार्मासिस्ट संघ के प्रदेश अध्यक्ष महादेव गौड़ ने बताया कि सात हजार बेरोजगारों केविभाग के पास 70 लाख के करीब रुपये जमा हुए। बताया कि स्वास्थ्य मंत्री ने जल्द फीस वापसी का आश्वासन दिया है।
चयनित युवाओं को दो साल से नियुक्ति नहीं
परिवहन निगम में तो परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके युवाओं के साथ भी छलावा किया जा रहा है। अधीनस्थ चयन आयोग ने रोडवेज के विभिन्न तकनीकी पदों पर परीक्षा के जरिए युवाओं का चयन किया था। करीब 24 युवा विभिन्न ट्रेड के लिए चुने गए। वर्ष 2019 में विधिवत चयन के बावजूद रोडवेज नियुक्ति नहीं दे रहा है। मामला पिछले विधानसभा सत्र के दौरान भी उठ चुका है। जीएम-रोडवेज दीपक जैन ने बताया कि इस विषय में शासन स्तर पर निर्णय किया जाना है।
आवेदन फीस के ब्याज से भी कमाई
यदि एसबीआई के बचत खाते में एक लाख रुपये को एक साल की एफडी के रुप में रखा जाए तो मौजूदा दरों के हिसाब से साल में छह हजार रुपये का ब्याज मिलता है। लाखों के इस ब्याज को भी विभाग खुद अपने पास दबाए हुए है।
सहकारिता में भर्ती स्थगित फीस के सवा करोड़ डंप
जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। यह भर्ती बाद में स्थगित हो गई। सामान्य अभ्यर्थियों से 750 रुपये और एससी एसटी से 500 रुपये आवेदन शुल्क रखा गया। 20 हजार से अधिक आवेदन के सवा करोड़ शुल्क वसूला गया है।
वन निगम ने नहीं लौटाए 12 लाख वन निगम में भी इसी तरह युवाओं से छलावा किया गया। वन निगम में 2016 में चालक, लेखाकार,पीआरओ,एलओ और डीएलओ सहित तमाम संवर्गों में चार सौ पदों पर भर्ती निकली थी। जिसमें करीब 12 हजार युवाओं ने आवेदन किया था। प्रत्येक छात्र से आवेदन फीस के रूप में सौ सौ रुपये लिए गए। न भर्ती हो पाई और ना ही शुल्क वापस किया गया।राज्य सरकार बेरोजगारों को लेकर बेहद गंभीर है। इसीलिए 22 हजार के करीब पदों पर भर्ती निकाली गई है। हालांकि शुल्क संबंधी मामला मेरे संज्ञान में नही है। इसकी पड़ताल की जाएगी। बेरोजगारों का अहित किसी भी सूरत में नही होने दिया जाएगा।