कोरोना टीकाकरण के बाद लाभार्थियों में देखे गए साइड इफेक्ट्स को लेकर केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, अध्ययन के लिए चुने गए 88 में से 61 मामलों में गंभीर साइड इफेक्ट देखे गए और इनमें से 37 लाभार्थियों में वैक्सीन से जुड़े साइड इफेक्ट्स थे। अभी तक कुल पांच मौतें भी हुईं हैं लेकिन ये सीधे तौर पर वैक्सीन से जुड़ी नहीं हैं।
केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह पांचवीं एईएफआई (एडवर्स इवेंट्स फॉओइंग इम्यूनाइजेशन) रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट को 16 जनवरी यानी जिस दिन भारत में टीकाकरण अभियान शुरू हुआ से लेकर 30 मार्च के बीच टीका लेने वाले 88 रैंडम लाभार्थियों के डेटा पर तैयार किया गया है। इस समयावधि में देश के अंदर कुल 6.4 करोड़ खुराकें दी गई थीं।
पांच मौतों के अलावा, बाकी सभी गंभीर और अति गंभीर रिएक्शन वाले मरीज अब ठीक हो चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, तीन मौतें आकस्मिक थीं और इनका वैक्सीनेशन से संबंध नहीं था। यानी जांच के दौरान इन मौतों की असली वजह कुछ और पाई गई। बाकी दो मौतों की वजह एक्सपर्ट्स ने अनिश्चित बताई है।
बता दें कि बुधवार को देश में अब तक लगाए गए कोविड-19-रोधी टीके की कुल खुराक 71 करोड़ को पार कर गई है। बुधवार शाम सात बजे तक 73 लाख (73,80,510) से अधिक खुराक दी गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत को 10 करोड़ टीकाकरण के आँकड़े तक पहुंचने में 85 दिन, 20 करोड़ का आंकड़ा पार करने में 45 दिन और 30 करोड़ तक पहुंचने में 29 दिन लगे।देश को 30 करोड़ खुराक से 40 करोड़ टीकाकरण तक पहुंचने में 24 दिन लगे और फिर 6 अगस्त को 50 करोड़ टीकाकरण को पार करने में 20 दिन और लगे। मंत्रालय ने कहा कि 60 करोड़ के आंकड़े को पार करने में 19 और दिन लगे और 8 सितंबर को 70 करोड़ तक पहुंचने में केवल 13 दिन लगे।