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कर्नाटक में केवल 3 दिनों का गणपति उत्सव, जारी हुई नई गाइडलाइन

कर्नाटक शुक्रवार से उन जिलों में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाएगा, जहां कोविड-19 संक्रमण का पॉजिटिविटी रेट दो प्रतिशत से कम है। बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के मुख्य आयुक्त गौरव गुप्ता ने एक सर्कुलर में कहा, “बेंगलुरु शहर में तीन दिनों से अधिक गणेश उत्सव की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही मूर्ति लाते समय या विसर्जन के दौरान कोई जुलूस नहीं होना चाहिए।

इसमें आगे कहा गया कि “केवल ईको फ्रेंडली गणेश मूर्तियों की अनुमति होगी। गणेश चतुर्थी समारोह के दौरान भोजन और प्रसाद के वितरण की अनुमति नहीं होगी। महामारी को देखते हुए दो प्रतिशत से अधिक सकारात्मकता दर वाले जिलों में कोई समारोह नहीं होगा”।

इधर, कर्नाटक सरकार ने बुधवार को गणेश चतुर्थी समारोह के मद्देनजर पशु वध और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, “बीबीएमपी ने 10 सितंबर, 2021 को गणेश चतुर्थी पर पशु और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।” कर्नाटक में गुरुवार को कोरोना के चलते 4 लोगों की मौत हुई है। ये दूसरी लहर की शुरुआत के बाद से कोविड -19 के कारण सबसे कम मौतें दर्ज हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि नई मौतें राज्य के कोविड -19 की मौत को अब तक 37,462 तक ले गए हैं। 

बता दें कि भगवान गणेश का जन्म प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी को मनाया जाता है जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्र महीने में आता है, और अगस्त या सितंबर में ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है।

यहां दिशानिर्देशों की पूरी सूची है:

1.  गुप्ता ने कहा कि ताजा आदेश के मुताबिक बेंगलुरू में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश प्रतिमाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

2. बीबीएमपी ने लोगों से बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बनी पारंपरिक गणेश मूर्ति को अपने घरों में बाल्टियों या मोबाइल टैंकरों में विसर्जित करने के लिए कहा।

3. सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित गणेश जी अधिकतम चार फीट ऊंचे होने चाहिए।

4. झीलों में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगा दी गई है।

5. प्रत्येक वार्ड में सार्वजनिक स्थान पर एक गणेश प्रतिमा की अनुमति है जिसके लिए आयोजकों को बीबीएमपी से अनुमति लेनी होगी।