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मुख्‍तार के बाद किसका टिकट काटेगी बीएसपी? बाहुबलि‍यों-माफियाओं के बारे में मायावती का नया ऐलान

पूर्व मुख्‍यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने गुरुवार को आजमगढ़ मंडल की मऊ सीट से मुख्‍तार अंसारी का टिकट काटने का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही बसपा में कुछ अन्‍य बड़े चेहरों का भी पत्‍ता साफ होने की अटकलें तेज हो गई हैं। इसकी वजह बसपा सुप्रीमो का वह बयान है जिसमें उन्‍होंने कहा है कि कोशिश होगी कि यूपी विधानसभा आम चुनाव में किसी भी बाहुबली और माफिया को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए। मायावती के इस बयान के बाद कयास लगाए जाने लगे हैं कि मुख्‍तार के बाद अगला नंबर किसका है। दरअसल, मायावती की कोशिश इस चुनाव में दलितों और ब्राह्मणों को साधने के साथ कानून-व्‍यवस्‍था को भी मुद्दा बनाने की है। बसपा शुरू से अपने कार्यकाल की कानून-व्‍यवस्‍था को बेहतर बताकर विरोधियों खासकर समाजवादी पार्टी पर हमले करती आई है। इधर, मुख्‍तार अंसारी के एक भाई के सपा में शामिल होने के बाद अंसारी परिवार को लेकर पैदा हुईं नई आशंकाओं के मद्देनज़र मायावती ने निर्णय करने में देर नहीं लगाई। सपा में इन दिनों पुराने नेताओं की बड़े पैमाने पर वापसी हो रही है। अब यदि एक भाई के आने के बाद अंसारी परिवार के अन्‍य सदस्‍यों की भी सपा में एंट्री होती है तो भाजपा की तरह बसपा भी सपा पर राजनीति के अपराधीकरण का आरोप लगाने का मौका नहीं चूकेगी। 

बसपा ने मऊ में मुख्‍तार अंसारी की जगह बसपा के प्रदेश अध्‍यक्ष भीम राजभर के नाम को फाइनल किया है। गौरतलब है कि बसपा ने साल-2017 विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी को मऊ और उनके बेटे अब्बास अंसारी को घोसी से टिकट दिया था। वह चुनाव मुख्तार अंसारी जीत गए, लेकिन उनका बेटा अब्बास अंसारी घोषी में भाजपा के फागू चौहान से हार गया। फागू चौहान को 88298 और अब्बास अंसारी को 81295 वोट मिले थे। मुख्तार अंसारी के परिवारीजन अब सपा का दामन थाम रहे हैं। 

सूत्रों का कहना है कि बुधवार को पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने मुख्य सेक्टर प्रभारियों और जिलाध्यक्षों की बैठक में टिकट बंटवारे को लेकर चर्चा के दौरान ही कहा कि इस बार आपराधिक छवि वालों को टिकट देने से बचना है। इसीलिए नाम भेजते समय इसका जरूर ध्यान रखा जाए। उन्‍होंने मुख्तार को मऊ से टिकट न देने की बात कही। उनके स्थान पर बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर का टिकट फाइनल किया गया। भीम, राजभर बिरादरी से आते हैं। बसपा में राजभर नेताओं में रामअचल राजभर हुआ करते थे, लेकिन पंचायत चुनाव के दौरान गड़बड़ी पर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। कहा जा रहा है कि उनकी जगह को भरने के उद्देश्‍य से भीम राजभर को आगे बढ़ाया जा रहा है।