हिमाचल में शनिवार को येलो अलर्ट के बीच मनाली और लाहौल की ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ। धौलाधार की ऊपरी चोटियों पर भी हिमपात हुआ है। जिला कुल्लू और लाहौल-स्पीति में लगातार दूसरे दिन भी मौसम परिवर्तनशील रहा। जिला मुख्यालय में शुक्रवार रात को बारिश से कई घरों में पानी घुस गया। शुक्रवार रात को जोगिंद्रनगर में 62, नाहन में 46, कुफरी में 45, जुब्बड़हट्टी में 41, बरठीं में 37, शिमला में 35, घुमारवीं में 32, कुमारसेन 31, सुजानपुर टीहरा-भुंतर में 25, देहरा गोपीपुर-कसौली में 24, डलहौजी में 21, बिलासपुर में 19, पच्छाद-सुंदरनगर 17, मनाली 15 और धर्मशाला में 10 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई।
उत्तराखंड में सीमांत जिले पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों मुनस्यारी पंचाचूली, हंसलिंग, राजरंभा, नागीनीधूरा, सिदमखान, छिपलाकेदार में सीजन की तीसरी, जबकि बदरीनाथ धाम की ऊंची चोटियों पर दूसरी बर्फबारी हुई। बदरीनाथ की ऊंची चोटियों के साथ ही सतोपंथ और नीती घाटी की ऊंची चोटियों पर भी बर्फबारी हुई। हिमपात के बाद निचले इलाको में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। लोगों ने सुबह-शाम ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े निकालने शुरू कर दिए हैं।
जुगजू गांव में फिर भूस्खलन, गुफा में बिताई रात
जोशीमठ के जुगजू गांव में शुक्रवार रात को फिर से भूस्खलन हुआ। जान बचाने के लिए ग्रामीण जंगल की ओर भाग गए। ग्रामीणों ने जंगल की गुफाओं में ही पूरी रात गुजारी। एक सप्ताह पहले भी जुगजू गांव के ऊपर पहाड़ी टूटने पर लोग जंगल में सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए थे। बदरीनाथ हाईवे पागलनाले में करीब 10 घंटे तक बंद रहा।
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे भटवाड़ीसैंण में रहा पांच घंटे बंद
रुद्रप्रयाग। भटवाड़ीसैंण में पहाड़ी से भारी बोल्डर व मलबा गिरने से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पांच घंटे बंद रहा। ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत हाईवे चौड़ीकरण के चलते यहां पर पहाड़ी का कटान किया गया है, जिससे हल्की बारिश में भी भूस्खलन हो रहा है। एनएच के ईई केएस असवाल ने बताया कि हालात को देखते हुए प्रभावित क्षेत्र के दोनों तरफ मशीनें रखी गई हैं।
मलबा आने से यमुनोत्री हाईवे भी बाधित
बड़कोट। यमुनोत्री हाईवे पर खनेड़ा पुल के पास सुबह साढ़े दस बजे से मलबा और बोल्डर आने आवाजाही बाधित रही। वहीं यमुनोत्री की ओर दो दर्जन गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया।