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चीनी मीडिया की चेतावनी: हमें दुश्मन समझने की भूल कर रहा है अमेरिका, फिर हो सकता है 9/11 जैसा हमला

चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू जिजिन ने 9/11 के आतंकी हमले की 20वीं बरसी पर एक बड़ा बयान दिया। जिजिन ने कहा कि अमेरिका चीन को अपना दुश्मन मानकर भारी भूल कर रहा है। जिजिन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका अगर अपना रवैया इसी तरह से रखता है तो आतंकी इसका फायदा उठा सकते हैं और भविष्य में 9/11 जैसा दूसरा आतंकी हमला एक बार फिर से दोहराया जा सकता है।

जिजिन ने कहा कि 11 सितंबर का हमला केवल 19 आतंकवादियों द्वारा किया गया आत्मघाती हमला था, लेकिन यह आतंकी समूह द्वारा किया गया आत्मघाती हमला नहीं था। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कई आतंकी संगठन एक होकर अमेरिका पर हमला करने की फिराक में है। जिजिन ने कहा कि वक्त बताएगा कि चीन को अपना दुश्मन मानकर अमेरिका कितनी बड़ी भूल कर रहा है।

यह ध्यान देने की बात है कि चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंध इस हद तक खराब हो गए हैं कि अमेरिका के सहयोगियों ने भी शिनजियांग के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में मुस्लिम उइगरों के दमन के लिए बीजिंग पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।

गौरतलब है कि 11 सितंबर, 2001 को अल-कायदा के 19 आतंकवादियों ने चार वाणिज्यिक हवाई जहाजों का अपहरण कर लिया था। दो विमानों की मदद से न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के टावरों को उड़ा दिया। एक अन्य विमान ने पेंटागन के पश्चिमी क्षेत्र पर हमला किया वहीं तीसरा विमान अपने निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने से पहले पेन्सिलवेनिया में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हमले में लगभग 3,000 लोगों की जान चली गई थी।

बता दें कि 10 सितंबर को, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 9/11 बरसी को देशभक्त और राष्ट्रीय सेवा एवं स्मरण दिवस के रूप में नामित किया और कहा कि इस दिन सभी सरकारी संस्थाओं को आधा झंडा झुकाकर रखना चाहिए।

चीन कर रहा है मानवाधिकार का उल्लंघन
चीन द्वारा बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन और उइगरों के उत्पीड़न के बढ़ते आरोपों के बीच, ताजा रिपोर्टें सामने आई हैं। इसमें बताया गया है कि चीनी अधिकारी  डीएनए डेटाबेस का निर्माण करने के लिए अल्पसंख्यक समूहों का नस्लीय रूप से प्रोफाइल  तैयार कर रहे हैं।

इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि शिनजियांग में उइगर मुसलमानों पर नकेल कसने के लिए चीन को फटकार लगाई गई है। कई रिपोर्टों से पता चलता है कि बीजिंग जातीय अल्पसंख्यकों को सामूहिक निरोध शिविरों में भेजता है और उनकी धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करता है। इसके अलावा, यह उन्हें जबरन श्रम सहित दुर्व्यवहार करता है।