मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के कई क्षेत्रों में अतिवृष्टि के दृष्टिगत सभी मण्डलायुक्तों तथा जिलाधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारीगण क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्यों पर नजर रखें। उन्होंने 17 व 18 सितम्बर, 2021 को प्रदेश में स्कूल-कॉलेजों सहित सभी शिक्षण संस्थानों को बन्द रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा के दृष्टिगत जनपदों में राहत कार्य प्रभावी रूप से कराए जाएं। आपदा से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचायी जाए। जल-जमाव की स्थिति में प्राथमिकता पर जल निकासी की व्यवस्था कराई जाए। उन्होंने सम्बन्धित जनपदों के अधिकारियों को इस आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं।
मूसलाधार बारिश बनी मुसीबत, 30 की मौत, कई घायल
प्रदेश के कई हिस्सों में फिर तूफानी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। बृहस्पतिवार को प्रदेश भर में बारिश के दौरान हादसों में 30 लोगों की मौत हो गई और कई जख्मी हुए। राजधानी लखनऊ में बीते 36 घंटे में 222 मिमी बरसात रिकॉर्ड की गई। यहां तेज बारिश के दौरान खंभे में करंट उतरने से अलीगंज में एक किशोर की मौत हो गई। वहीं मड़ियांव के मोहिबुल्लापुर स्टेशन के सामने मैदान के गड्ढे में भरे पानी में डूबकर दो किशोरों की मौत हो गई। ग्रामीण क्षेत्र में कुछ जगह मकान, दीवार गिरने की घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर जलभराव व पेड़ गिरने से यातायात बाधित रहा। बरसात में फसलों, सब्जियों को भी खासा नुकसान पहुंचा है।
कानपुर में दो दिन से तेज हवाओं के साथ शुरू बारिश ने सात और लोगों की जान ले ली। इनमें सबसे अधिक फतेहपुर में चार, चित्रकूट, औरैया और उन्नाव में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं कन्नौज में इंदरगढ़ थाने की बैरक की दीवार ढहने से दो सिपाही घायल हो गए और यहां चार गोवंश समेत कई बकरियां भी मर गईं। बांदा में फसल सहित सब्जियों को खासा नुकसान हुआ है। खेत में मूंग, उर्द, तिल की फसल तैयार है, लेकिन बारिश से किसान फसल काटने व मड़ाई की हिम्म्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इटावा में जलभराव व कई जगह पेड़ गिरने से यातायात बाधित रहा। औरैया में शहर से लेकर ग्रामीण इलाके जलमग्न हो गए। कई जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे टूटने से 200 गांवों की बिजली गुल हो गई। फर्रुखाबाद में कई स्थानों पर पेड़ टूटने से बिजली गुल हो गई। शहर के कई मोहल्लों में जलभराव होने से लोग परेशान रहे। सीएसए के मौसम विभाग के रिकार्ड के मुताबिक 16 सितंबर को कानपुर परिक्षेत्र में 15 साल बाद इतनी बारिश हुई है।
वाराणसी, आजमगढ़ व मिर्जापुर मंडल में आजमगढ़ वाराणसी और मिर्जापुर मंडल में बृहस्पतिवार को रुक रुक कर दिन भर बारिश होती रही। मकान गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई। जौनपुर के सरायखानी गांव में बुधवार की रात चार बजे एक कच्चा मकान ढह गया, जिसके मलबे में एक ही परिवार के पांच लोग दब गए। इनमें बेटी सहित दंपती की मौत हो गई। जबकि दो लोग घायल हो गए। वहीं सिकरारा थाना क्षेत्र के सकल देल्हा गांव के यादव बस्ती में दीवार गिरने सो रही उर्मिला देवी (47) की मलबे में दबने से मौत हो गई। उधर, बलिया में दीवार गिरने से एक मुहिला की मौत हो गई।
प्रयागराज में बारिश से जनजीवन दिनभर बाधित रहा। ब़हस्पतिवार को यहां बारिश के दौरान हादसे में मुट्ठीगंज में एक महिला की मौत जबकि 13 लोग घायल हो गए। यहां तेज बारिश के मद्देनजर प्रशासन ने पहली कक्षा से 8वीं तक के विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की है।
गोरखपुर और बस्ती मंडल में बुधवार और बृहस्पतिवार की मध्य रात्रि में हुई बारिश से आम जनजीवन प्रभावित हो गया। कई इलाकों में जलभराव से लोगों को परेशानी हुई तो कई जगह पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। बस्ती के कृषि वैज्ञानिक डॉ. सौरभ दीक्षित ने बताया कि बारिश मध्यावधि धान की फसलों के लिए काफी नुकसानदायक है। खलीलाबाद के जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा ने बताया कि 39 मिलीमीटर बारिश हुई है। देवरिया और कुशीनगर में भी बारिश से कई इलाकों में जलभराव हो गया। स्कूलों में पानी भरने की वजह से कई विद्यालयों में छुट्टी करनी पड़ी।
झांसी में भी दो दिनों से बारिश होने की वजह से खेतों में पानी भर गया है। इसकी वजह से खेतों में लगी उड़द और तिल की फसल खराब हो गई है। मुरादाबाद के संभल में बुधवार की रात से जबरदस्त बारिश हुई। बारिश के चलते संभल के गांव लाखौरी जलालपुर में पुराना लिंटर गया। हादसे में 60 वर्षीय जसवीर सिंह दबकर घायल हो गए। वही गांव धुरैटा बारिश के चलते गुरुवार की दोपहर कच्चा मकान गिरने से तीन वर्षीय बालक मामूली रूप से चोटिल हुआ। सुबह के समय चंदौसी नगर के कुछ क्षेत्र व देहात की आपूर्ति बाधित हुई।
मैनपुरी में तेज हवा और बारिश से कई बिजली के खंभे धराशायी हो गए। जिले भर में शाम पांच बजे तक हुई कुल 55 मिमी बारिश के चलते मौसम तो ठंडा रहा, लेकिन जलभराव मुसीबत बना गया। तेज हवा और बारिश के चलते खेतों में खड़ी धान की फसल गिर गई है, जिससे उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। एटा केअलीगंज में भी बृहस्पतिवार सुबह से ही शुरू हुई रिमझिम बारिश दिन भर होती रही। गाजियाबाद में मूसलाधार बारिश की वजह से बृहस्पतिवार को फिर जिले भर की कॉलोनियों में लोगों को जलभराव से जूझना पड़ा।
यहां 12 एमएम बारिश दर्ज की गई। जिला उद्यान अधिकारी निधि ने बताया कि औसत से ज्यादा हो रही बारिश की वजह से सब्जियों की फसलों को नुकसान हुआ है। हापुड़ में बृहस्पतिवार को करीब 30 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारिश के कारण पिछले कुछ दिनों में करीब तीन मकानों को क्षति पहुंचा है। बुलंदशहर में 32 एमएम बारिश हुई। इस दौरान सड़कों पर जल भराव के कारण लोगों को काफी परेशानी हुई। इससे करीब 75 हजार हेक्टेयर सब्जी की फसल में से करीब पांच फीसदी फसल बर्बाद हो गई।
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