विधानसभा का उपचुनाव वैसे तो पश्चिम बंगाल में है लेकिन यहां मुद्दा उठ रहा है भारतीय जनता पार्टी शासित राज्य त्रिपुरा में कोरोना के कारण दुर्गापूजा पर लगी रोक का। त्रिपुरा में निषेधाज्ञा को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता त्रिपुरा सरकार को घेर रही हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ने भवानीपुर उपचुनाव के प्रचार के दौरान अपने तीन सार्वजनिक भाषणों में यह मुद्दा उछाला है और पार्टी की रणनीति चुनाव प्रचार के आखिरी दिन तक इस मुद्दे पर टिके रहने की है। ममता जोर-शोर से कह रही हैं कि भाजपा ने तृणमूल के खिलाफ यह दुष्प्रचार किया था कि बंगाल में हिंदू त्योहारों को मनाने की अनुमति नहीं दे रही है, देखो त्रिपुरा में क्या हो रहा है, वहां लोगों को दुर्गापूजा में शामिल होने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा लगा दी गई है।
भाजपा को उसके अंदाज में ही घेर रही ममता
इसी साल हुए बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए यह कहा था कि वे दुर्गापूजा और सरस्वती पूजा नहीं होने दे रहीं। इसी साल 21 मार्च को पूर्वी मेदिनीपुर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था अगर भाजपा बंगाल में सत्ता में आती है तो दूर्गा पूजा और सरस्वती पूजा मनाने पर कोई रोक नहीं लगेगी। दुर्गापूजा, सरस्वती पूजा और जय श्रीराम के नारे को लेकर पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा और टीएमसी के बीच चुनावी जंग छिड़ गई थी।
बंगाल की राजनीति को समझने वाली वरिष्ठ विश्लेषक पृथा लहरी बताती हैं, इस चुनाव में ममता हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के भाजपा के हथियार से ही उस पर वार कर रही है। ममता मौके का फायदा उठाकर भवानीपुर में अपनी जीत और 2024 के आम चुनाव को देखते हुए भाजपा को उसी के अंदाज में ‘जवाब’ दे रही हैं।
क्या है त्रिपुरा सरकार का फैसला
राज्य सरकार ने अगरत्तला और राज्य के कुछ हिस्सों में धारा 144 लागू करने का फैसला किया है, जो मंगलवार से लागू हो गया। धारा 144 दुर्गापूजा से दिवाली तक लागू रहेगी। बिप्लब देब सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में त्रिपुरा उच्च न्यायालय को बताया था कि कोरोना मामलों में वृद्धि और राजनीतिक हिंसा की आशंकाओं के कारण निषेधाज्ञा लागू की गई है।