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विश्व फार्मासिस्ट दिवस: चिकित्सकीय टीम के प्रमुख साथी हैं फार्मेसिस्ट, पर्चे पर लिखी दवा देकर मिटा रहे मर्ज

चिकित्सकों के साथ फार्मासिस्ट भी मरीजों की बीमारी दूर करने में सहयोगी हैं। कोरोना महामारी और अब डेंगू के मरीजों को पर्चे पर लिखी दवाओं को देकर मरीजों की जान बचा रहे हैं। आगरा में शनिवार को विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर इनको सम्मानित भी किया जाएगा। 

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मुकेश शर्मा ने बताया कि एसएन, जिला अस्पताल, लेडी लॉयल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 191 फार्मेसिस्ट हैं। इन सभी की कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर में ड्यूटी लगी। 

12 से 16 घंटे तक लगातार कार्य किया। अब डेंगू में भी फार्मासिस्ट समय न देखकर मरीजों की भलाई के लिए लगे हुए हैं। इसी के चलते इस बार के विश्व फार्मासिस्ट दिवस को ‘फार्मेसी: हमेशा आपके स्वास्थ्य के लिए भरोसेमंद’ की थीम भी दी है। 

फार्मासिस्ट आरएस राना और मुनेंद्र सिंह

24 घंटे फार्मेसिस्ट सेवाएं दीं
फार्मासिस्ट आरएस राना ने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में 24 घंटे फार्मेसिस्ट सेवाएं दीं। जरूरत पर आइसोलेशन वार्ड में भी गए। मरीजों को दवा देकर मन में सुकून मिला, अब बुखार और डेंगू के मरीजों को दवाएं देने में सेवाएं दे रहे हैं।

14 घंटे पीपीई किट पहने रहे
फार्मासिस्ट मुनेंद्र सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर में इमरजेंसी में ड्यूटी दी। 12 से 14 घंटे पीपीई किट पहनकर रहना होता था। गर्मी से बुरा हाल था, चक्कर भी आते थे, लेकिन मरीजों की दशा देखकर अपनी परेशानी भूल गए। 
एसएन: बी-फार्मा की पढ़ाई को रहती मारामारी
एसएन मेडिकल कॉलेज में बी-फार्मा का कोर्स संचालित है। दो साल के इस कोर्स के लिए 60 सीट हैं। यहां प्रवेश के लिए मारामारी रहती है। सीटों के मुकाबले पांच गुना तक आवेदन भी आते हैं। पढ़ाई के साथ ही इनको यहां पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है। 

सरकारी अस्पतालों में 191 फार्मासिस्ट दे रहे सेवाएं
एसएन, जिला अस्पताल, लेडी लॉयल समेत स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में 191 फार्मेसिस्ट सेवाएं दे रहे हैं। तय पदों के मुकाबले इनकी संख्या पर्याप्त है। एसएन में 43, लेडी लॉयल में 16, जिला अस्पताल में 10 और स्वास्थ्य विभाग के यहां पर 122 फार्मासिस्ट हैं। 

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