लोकसभा सचिवालय ने हाल ही में टीएमसी में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के इस्तीफे के इरादे व स्पीकर से मुलाकात नहीं हो पाने को लेकर आई मीडिया रिपोर्टों को लेकर शुक्रवार को स्पष्टीकरण दिया है। खबरों में कहा गया था कि बार बार समय मांगने पर भी स्पीकर ओम बिड़ला की ओर से उन्हें इस्तीफा सौंपने के लिए वक्त नहीं दिया गया। स्पीकर कार्यालय ने इस दावे को गलत करार दिया है।
लोकसभा सचिवालय ने साफ कहा कि सांसद बाबुल सुप्रियो ने सदन से इस्तीफा देने का इरादा जाहिर करने के बाद स्पीकर कार्यालय से कभी संपर्क नहीं किया। सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि स्पीकर दो अक्तूबर से पांच अक्तूबर 2021 तक दिल्ली में मौजूद रहेंगे। सुप्रियो यदि चाहें तो इस दौरान स्पीकर से मुलाकात का समय तय कर सकते हैं।
18 सितंबर को टीएमसी में शामिल हुए थे
बॉलीवुड गायक से नेता बने बाबुल सुप्रियो 18 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वह आसनसोल से लोकसभा सदस्य हैं। सुप्रियो ने बीते दिनों कहा था ‘मैंने इतिहास नहीं बनाया है… मैं पहला व्यक्ति नहीं हूं जो एक पार्टी छोड़कर दूसरी में शामिल हुआ हो।’ इसके साथ ही सुप्रियो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद भी कहा। उन्होंने कहा कि मैंने इन लोगों के साथ सात साल तक काम किया और इस दौरान मैंने भाजपा से बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि साल 2014 के चुनाव में मेरी जीत हो सकता है कि बॉलीवुड गायक होने के चलते मिली हो, लेकिन 2019 की जीत मेरे जनसेवा के कार्यों के चलते सुनिश्चित हुई थी।
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं उस टीम की ओर से खेलूंगा जो मुझे खेल के मैदान में रखेगी।’ उल्लेखनीय है कि जुलाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए विस्तृत फेरबदल के दौरान बाबुल सुप्रियो से केंद्रीय मंत्री पद वापस ले लिया गया था। इसके बाद से ही सुप्रियो, भाजपा नेतृत्व से खफा दिखाई दे रहे थे। हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन केवल सत्ता में बने रहने के लिए थामा है।
अपनी तुलना मेसी से की थी
इसके साथ ही सुप्रियो ने अपनी तुलना प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी से साथ भी की। उन्होंने कहा, ‘क्या वह (मेसी) बार्सिलोना छोड़ना चाहते थे? परिस्थितियां ऐसी थीं कि वह प्रेस वार्ता के दौरान रो पड़े थे। इसके बाद वह पीएसजी के साथ हो गए। और अब आप कह रहे हैं कि पीएसजी के लिए खेलते हुए क्या वह बर्सिलोना के खिलाफ रहेंगे या गोलपोस्ट के पास खड़े रहेंगे क्योंकि उन्हें अपनी पुरानी टीम के प्रति वफादार रहना चाहिए?’