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यूपी : कैबिनेट मंत्री के सरकारी आवास पर बैठकर बांट दिए फर्जी नियुक्ति पत्र, 30 लाख ठगे

समाज कल्याण विभाग में सीधी भर्ती के नाम पर नौकरी दिलाने का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। धानेपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले एक जालसाज ने समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री के लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर बैठकर कई लोगों को रेवड़ी की तरह सरकारी नौकरियां बांट दी और उन्हें बाराबंकी व लखनऊ स्थित समाज कल्याण विभाग में नियुक्त किए जाने का पत्र थमाते हुए 30 लाख रुपये ठग लिए।

हैरत की बात यह है कि जालसाज ने समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के हस्ताक्षर वाला पत्र भी जारी कर दिया। आवेदक जब नियुक्त पत्र लेकर संबंधित विभाग के दफ्तर पहुंचे तो इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। बाराबंकी जिले के रहने वाले दिनेश द्विवेदी के मुताबिक वह लखनऊ में ट्रैवेल एजेंसी चलाने का काम करता है। वाहन बुकिंग के दौरान उनका संपर्क धानेपुर थाना क्षेत्र के सत्यनामीपुरवा गांव के रहने वाले दीपू मिश्रा से संपर्क हो गया।

दिनेश का कहना है कि दीपू ने खुद को समाज कल्याण मंत्री के कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी बताया और कहा कि समाज कल्याण विभाग में कुछ नौकरियां निकलने वाली हैं और वह सीधे नौकरी दिला सकता है। वाहन बुकिंग के दौरान कई बार साथ रहने पर वह दीपू के झांसे में आ गया और उसने अपने परिवार के दो और छह अन्य व्यक्तियों समेत आठ लोगों को नौकरी दिलाने के लिए 30 लाख रुपये दीपू को दे दिए। दिनेश का कहना है कि रुपये लेने के लिए दीपू ने उसे समाज कल्याण मंत्री के सरकारी आवास पर बुलाया और वहीं पर पैसे लिए।

सात जनवरी 2020 को दीपू ने सभी को नियुक्ति पत्र देकर बाराबंकी व लखनऊ स्थित समाज कल्याण विभाग में ज्वाइनिंग के लिए भेज दिया। नियुक्ति पत्र लेकर जब लोग विभागों में पहुंचे तो वहां के अफसरों ने इस तरह की किसी भी भर्ती किए जाने के जानकारी होने से इंकार कर दिया। इसके बाद लोगों को ठगी की जानकारी हुई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। सभी भागकर दीपू के पास पहुंचे तो उसने लॉकडाउन होने का बहाना बनाकर सभी को टरका दिया और कहा लॉकडाउन के बाद वह सभी की नियुक्ति करा देगा। शिकायतकर्ता दिनेश का आरोप है कि जब उसने अपने रुपये की मांग की तो दीपू ने उसे सिर्फ पांच लाख रुपये वापस किए।

बाकी रुपये लेने से वह इंकार कर रहा है। पीड़ित दिनेश का कहना है कि उसने दीपू के झांसे में आकर अपने परिवार व रिश्तेदारों का रुपया दीपू को दिला दिया लेकिन उन्हें न नौकरी मिली और न ही रुपया वापस मिल रहा है। दिनेश ने मई महीने में दीपू के इस ठगी की जानकारी समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री को लिखित रूप में दी, लेकिन मंत्री के स्तर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब पीड़ित अपने रुपये की वापसी के लिए बाराबंकी से गोंडा के चक्कर काट रहे हैं।

नौकरी का भरोसा दिलाने के लिए जालसाज दीपू ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी व समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री के नाम व हस्ताक्षर का भी उपयोग किया। जालसाज की तरफ से कैबिनेट मंत्री के हस्ताक्षर वाला पत्र 19 दिसंबर 2019 को जारी किया गया है। इस पत्र में समाज कल्याण विभाग में तृतीय श्रेणी में 22 पद और चतुर्थ श्रेणी के 16 पदों पर सीधी भर्ती किए जाने का उल्लेख है। पत्र में चयनित अभ्यर्थियों का नाम संबंधित जिलों को सूचनार्थ भेजे जाने की बात भी लिखी गई है।

इसी तरह प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी के नाम से भी पत्र जारी किया गया है जिस पर उनका हस्ताक्षर भी बनाया गया है। 22 जनवरी 2020 को जारी यह पत्र विशेष सचिव धनंजय शुक्ला को संबोधित है और इस पत्र में मुख्यमंत्री की कैबिनेट बैठक का हवाला दिया गया है। पत्र में श्रम विभाग में 82, समाज कल्याण विभाग में 46, युवा कल्याण विभाग में 24, बेसिक शिक्षा में 12, माध्यमिक शिक्षा में 09, लघु सूक्ष्म विभाग के 7 व कृषि विभाग के 10 रिक्त पदों पर चयन किए जाने का उल्लेख है। पत्र पर निदेशक समाज कल्याण की मोहर लगाई गई है।