पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन का असर कम करने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार बड़ा दांव खेलने वाली है। इसके लिए सरकार किसानों को कई तोहफे देने की तैयारी कर रही है। इसमें किसानों के लिए बिजली के दाम कम करने की तैयारी तो गन्ना भाव भी हरियाणा के बराबर करने पर विचार चल रहा है। इनके अलावा भी चुनाव से पहले कई घोषणाएं किसानों के लिए सरकार कर सकती है।
कृषि कानूनों के विरोध में जहां किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर पंजाब व हरियाणा में दिख रहा है, वहीं पश्चिमी यूपी में कानून के विरोध के साथ ही गन्ना मूल्य व बिजली के दाम ज्यादा होना भी बड़ा मुद्दा है। भाजपा ने पश्चिमी यूपी में किसानों के बीच अपनी टीम भेजकर सर्वे कराया तो उसमें यह सभी मुद्दे निकलकर सामने आए। इनके साथ ही अधूरी पड़ी पुरानी घोषणाएं भी कई जगह मुद्दा बन सकती है।
भाजपा के शीर्ष नेताओं को लग रहा है कि अगर चुनाव से पहले किसानों के लिए बिजली के दाम कम कर दिए जाते है और गन्ना मूल्य में कुछ ओर बढ़ोतरी करने के साथ ही पुरानी जरूरी घोषणाओं का काम पूरा करा दिया जाता है तो किसान आंदोलन का असर काफी हद तक कम हो जाएगा।
इसे देखते हुए ही पश्चिमी यूपी के चुनाव प्रभारी बनाए गए करनाल के सांसद संजय भाटिया ने सभी जिलों में नेताओं के साथ बैठकों का अभियान शुरू कर दिया है। वह अभी तक बागपत व शामली में सांसद, विधायक, जिला प्रभारी, सभी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष, सदस्यता अभियान प्रमुख के साथ बैठक कर चुके है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता के अनुसार इन बैठकों में चुनाव प्रभारी संजय भाटिया ने खुद यह बात कही है कि किसानों के लिए सरकार कई घोषणाएं करेगी। इनमें बिजली, गन्ने का मूल्य समेत कई मुद्दे शामिल है। इसके साथ ही वह सभी नेताओं को पूरी तरह मैदान में उतरकर चुनाव में जुटने के निर्देश दे रहे है।
हर बूथ पर 100 सदस्य बनाने का लक्ष्य लेकर शुरू हुआ काम
पश्चिमी यूपी में भाजपा ने हर बूथ पर 100 सदस्य बनाने का लक्ष्य लेकर अभियान की शुरूआत कर दी है। चुनाव प्रभारी संजय भाटिया सभी नेताओं के साथ बैठक में सदस्यता प्रमुखों के साथ सबसे ज्यादा बातचीत कर रहे है और हर हाल में निर्धारित लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए जा रहे है। यह माना जा रहा है कि अगर वह एक बूथ पर 100 सदस्य बना लेते है तो यह चुनाव से पहले उनकी बड़ी कामयाबी होगी और इसका बड़ा असर चुनाव में दिखाई देगा।