यूपी के मिर्जापुर जिले में स्थित जगविख्यात मां विंध्यवासिनी मंदिर में शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन भी भक्तों का सैलाब उमड़ा। शारदीय नवरात्र के द्वितीया तिथि पर ब्रह्मचारिणी माता के रूप में श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन किया। आधी रात से ही माता के दरबार में दर्शन-पूजन करने उमड़े भक्त गंगा नदी में डुबकी लगाने के उपरांत माता के दरबार में पहुंचे और मत्था टेका।
मां का दर्शन पाकर भक्त निहाल हो गए। किसी ने मंदिर के अंदर तो किसी ने झांकी से ही माता का दर्शन व पूजन किया। अष्टभुजा और कालीखोह में भी भक्तों ने शीश नवाया। मां के जयकारों से मंदिर परिसर गुंजायमान है।
विभिन्न घाटों पर स्नान व ध्यान करने के बाद हाथों में माला, फूल, नारियल, चुनरी व माता का प्रसाद लिए श्रद्धालु मंदिर की ओर जाने वाली गलियों में दर्शन व पूजन के लिए कतारबद्ध हो गए। शुक्रवार तड़ते मंगला आरती के बाद जैसे ही मंदिर का कपाट खुला चारों तरफ से भक्त मंदिर की ओर उमड़ पड़े। रात में तरह-तरह के पुष्पों, चुनरी तथा रंग-बिरंगे झालरों से की गई मंदिर की सजावट एक अलौकिक छटा बिखेर रही थी।
नवरात्र के पहले दिन तीन लाख से अधिक भक्तों ने टेका मत्था
शारदीय नवरात्र के पहले दिन बृहस्पतिवार को मंगला आरती के बाद मंदिर का कपाट खुलते ही दर्शन पूजन शुरू हो गया। श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे। नवरात्र के पहले दिन तीन लाख से अधिक आए श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन किया।
कोरोना काल में लॉकडाउन से गुजरे व्यापारियों के चेहरे शारदीय नवरात्र पर खिल गए। अपेक्षा से अधिक भीड़ देख दुकानदार उत्साहित नजर आए। माला, फूल व प्रसाद के साथ ही खिलौने व अन्य सामानों से दुकानें सजीं रहीं। मां विंध्यवासिनी के दर्शन व पूजनकर वापस लौटने वाले भीड़ में महिला श्रद्धालुओं व बच्चों की भीड़ दुकानों पर दिखी।
जहां महिलाएं व बच्चे जमकर खरीदारी में लगे रहे। पिछले नवरात्र में कोरोना महामारी के चलते मेला का आयोजन पांच दिन बाद बंद हो जाने से दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ। इस वर्ष शारदीय नवरात्र में दुकानदारों में अच्छी दुकानदारी की उम्मीद बंधी है।
जिला प्रशासन के नियमों की उड़ी धज्जियां
शारदीय नवरात्र में आम श्रद्धालुओं के सुलभ व शांतिपूर्ण दर्शन के लिए जिला प्रशासन के बनाए गए नियमों की पहले ही दिन जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। सख्त निर्देश के बावजूद निकास द्वार से भक्तों को प्रवेश कराने के साथ ही गर्भगृह में दर्शन पूजन कराया गया। इतना ही नहीं मोबाइल से मनमाने तरीके से वीडियो व फोटोग्राफी हुई। आम श्रद्धालु परेशान दिखे तो वहीं मनमानी के सामने जिला प्रशासन लाचार नजर आया। किसी भी दिन यह विवाद का कारण बन सकता है।
मंदिर के निरीक्षण के दौरान पुरोहितों पर भड़के कमिश्नर
शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्र ने मां विंध्यवासिनी मंदिर का निरीक्षण किया। निकास द्वार से भक्तों को गर्भगृह में पहुंचकर दर्शन कराने पर आयुक्त न केवल कुछ पंडा समाज के लोगों पर भड़क उठे बल्कि उन्हें कड़ी चेतावनी भी दी। दरअसल, आयुक्त बृहस्पतिवार को आम श्रद्धालु की तरह कतारबद्ध होकर मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए अंदर पहुंचे।
जहां का नजारा देखकर वे दंग रह गए। मंदिर के अंदर पुरोहित को कार्ड न लगाने पर फटकार लगाई। इस दौरान किसी को दर्शन कराने आए प्राइवेट सुरक्षा कर्मी को कैमरा और साथ में असलहा रखने पर उसे फटकारा। निकास द्वार से श्रद्धालुओं के प्रवेश ओर गर्भगृह में चरण स्पर्श को लेकर मंडलायुक्त ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पंडा समाज व्यवस्था न सुधार सके तो हमें व्यवस्था दे दें, हम खुद सुधार लेंगे। कमिश्नर ने नगर विधायक से मंदिर के व्यवस्था को सुधारने को कहा।