मेरठ में सिविल लाइन पुलिस ने कचहरी में फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि तीन अन्य फरार हो गए। उसके पास नकली मुहर बरामद की गई।
पुलिस का दावा है कि न्यायिक और पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारियों के नाम की नकली मुहर का प्रयोग किया जा रहा था। जमानती से सीज वाहन छुड़वाने के लिए यह गिरोह कचहरी में काम कर रहा था।
सोमवार को चेकिंग के दौरान सूचना मिली कि चार युवक फर्जी दस्तावेज बना रहे हैं। पुलिस ने एक संदिग्ध को दबोचा। उसके हाथ में प्लास्टिक का डिब्बा था। पूछताछ की तो बताया कि डिब्बे में खाना है। पुलिस ने तलाशी ली। जैसे ही डिब्बा खोला तो उसमें काफी संख्या में मुहर दिखीं। पुलिस उसे थाने ले आई। उसके तीन अन्य साथी वहां से भाग निकले। पकड़ा गया आरोपी राहुल निवासी भोला रोड थाना टीपीनगर है।
राहुल ने कहा कि मुहर उसकी नहीं है। वह एक शख्स के साथ आया था, जिसने उसके पिता की जमानत कराने का भरोसा दिलाया था। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। शुरुआती पूछताछ में बड़े फर्जीवाड़े के संकेत मिले हैं। यह गिरोह नकली दस्तावेज से जमानत दिलाता है।
मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद के थानों की भी मिली मुहर
मेरठ के अधिकांश सभी थानों के साथ हापुड़ और गाजियाबाद के थानों की मुहर मिलना भी बताया जा रहा है।
पहले पकड़े जा चुके फर्जी दस्तावेज
करीब सात महीने पहले कचहरी से कुछ लोग पकड़े गए थे। इनसे फर्जी दस्तावेज मिले थे। पिछले महीने 19 सितंबर को पुलिस ने फिर ऐसे ही मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था।
वाहन रिलीज कराने का भी खेल
जानकारी मिली है कि गिरोह सीज वाहन रिलीज कराने का भी काम करता है। अभी तक काफी वाहन रिलीज करा चुका है। डाक के माध्यम से थाने आने वाले दस्तावेज भी युवक के पकड़े जाने के बाद जांच के दायरे में आ आ गए हैं।