सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को प्रदेश का सियासी ताप नापने के लिए विजय रथ यात्रा लेकर निकल चुके हैं। वहीं, प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने भी रथयात्रा शुरू कर दी है। मंगलवार को उन्होंने अपने बेटे और पार्टी के महासचिव आदित्य यादव के साथ बांके बिहारी मंदिर में दर्शन पूजन किया। करीब घंटे भर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन चला।
इसके बाद यहां सेवा मंदिर परिसर के बाहर खड़े रथ के पास पहुंचे जहां कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। यहीं से यात्रा की शुरुआत हुई। वहीं, अखिलेश यादव की विजय यात्रा जाजमऊ से शुरू होकर चार जिलों में घूमते हुए कानपुर देहात में समाप्त होगी। दो दिन में यात्रा करीब 190 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
सपा और प्रसपा रथयात्रा के जरिए भविष्य की सियासत के लिए नया संदेश देंगे। दोनों का मकसद एक है, लेकिन यात्राएं अलग-अलग। इनके जरिए दोनों अपनी ताकत का अहसास कराने के साथ ही जनता की नब्ज टटोलेंगे। दोनों के ही केंद्र में मुलायम सिंह यादव होंगे। यही वजह है कि दोनों खुद को असली समाजवादी साबित करने में जुटे हैं। ऐसे में आलू पट्टी में मंगलवार से सियासी द्वंद्व होता दिख रहा है।
समाजवादी आंदोलन के प्रणेता डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर प्रदेश में सियासत की नई इबारत लिखी जा रही है। उनके दोनों सियासी अनुयायियों में खुद को असली साबित करने की होड़ है।