बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान जवाद और लो प्रेशर सिस्टम बनने से पूर्वांचल के मौसम में तेजी से बदलाव हुआ है। बादलों की सक्रियता दो दिनों से बनी हुई है। बीते दो दिन में 11 मिलीमीटर बारिश हुई है। लगातार नम पुरवा हवा चलने से धूप का असर भी कम रहा। इस बीच तापमान में दो डिग्री की कमी आई है।
मंगलवार सुबह से आसमान में बादलों की आवाजाही जारी है। रविवार और सोमवार रात में हुई बरसात की वजह से वातावरण में कुछ ठंड का भी असर है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार दो-तीन तक ऐसे ही मौसम रहेगा। इस बीच बारिश के भी आसार हैं।
वाराणसी समेत आसपास के जिलों में बारिश की संभावना
रविवार की तुलना में सोमवार को हवा में नमी अधिक रही। मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय ने बताया कि वाराणसी समेत आसपास के जिलों में बारिश की संभावना भी बनी है। दो दिन में 11 मिलीमीटर बारिश हुई है। रविवार को तीन और सोमवार को आठ मिलीमीटर बारिश हुई। तापमान में भी कमी देखने को मिली है। रविवार को जहां 34.6 डिग्री सेल्सियस तापमान था। वहीं, सोमवार को 32.8 रहा जबकि न्यूनतम तापमान 23.2 रिकॉर्ड किया गया है।
धान की फसल को नुकसान, सरसों और मटर की बुआई भी प्रभावित
दो दिन से बारिश की वजह से धान की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। जबकि सरसों, मटर की फसलों की बुआई पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। जिले में 51500 हेक्टेयर में लगे धान की फसलों की कहीं कटाई शुरू हो गई है तो कहीं खेतों में तैयार खड़ी है। जिला कृषि अधिकारी डॉ. अश्विनी कुमार सिंह ने बताया कि बारिश से धान की फसल को पांच से सात प्रतिशत तक नुकसान का अनुमान है।
तेज हवा चलने से धान के लेटने और कटाई के बाद भीगते हैं तो गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। उधर, उप निदेशक कृषि शोध के आरके सिंह ने बताया कि बारिश से ज्यादा तेज हवाओं ने खड़े धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। लेटने से फसल में सड़न होने से उत्पादन में कमी आएगी।
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