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बलरामपुर: ट्रैक्टर से कुचलकर भाजपा नेता की हत्या, परिजनों ने शव रखकर किया प्रदर्शन

हरैया सतघरवा के स्थानीय थाना क्षेत्र निवासी भारतीय जनता पार्टी के सेक्टर संयोजक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी गई। परिजनों का आरोप है कि मृतक को गोली भी मारी गई है। हत्या से नाराज परिजनों तथा समर्थकों ने सड़क पर शव रखकर हंगामा शुरु कर दिया है। मौके पर भारी फोर्स तैनात की गई है। लोग आरोपी की गिरफ्तारी तथा मौके पर डीएम व एसपी को बुलाने पर अड़े हुए हैं। हालांकि अभी तक पुलिस को कोई तहरीर नहीं मिली है।

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम बल्दीडीह निवासी भाजपा के सेक्टर संयोजक कृष्ण प्रकाश शुक्ला उर्फ पप्पू सोमवार सुबह भड़सहिया बाजार से वापस गांव लौट रहे थे। पप्पू के भाई राजेश कुमार शुक्ला ने बताया कि कुसमहवा तथा भड़सहिया बाजार के बीच महंत भट्ठे के पास उन्हें ट्रैक्टर से ठोकर मारा गया। पप्पू जान बचाने के लिए धान के खेत में भागे तो चालक ने खेत में उन्हें कुचलकर मार डाला। घटना के बाद आरोपी मौके पर ट्रैक्टर व बाईक छोड़कर फरार हो गए हैं।

राजेश ने बताया कि मृतक गांव के प्रधान प्रतिनिधि हैं। उन्होंने पिछड़े वर्ग की महिला को चुनाव लड़ाकर जिताया था। घटना से आक्रोशित परिजनों तथा समर्थकों ने भड़सहिया बाजार में सड़क पर शव रखकर चक्का जाम कर दिया। लोग पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि मृतक के ऊपर इससे पूर्व भी जानलेवा हमला हुआ था। इस हमले के आरोपी इस समय जेल से बाहर हैं। परिजनों का यह भी आरोप है कि कुचलने से पहले मृतक को गोली भी मारी गई है।

मौके पर मौजूद सीओ प्रभात कुमार, प्रभारी निरीक्षक जयदीप दूबे तथा कई अन्य थानों की फोर्स लोगों को समझाने बुझाने में जुटी है। परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी तथा मौके पर डीएम व एसपी को बुलाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि परिजनों ने अभी कोई तहरीर भी नहीं दी है। तहरीर मिलने पर केस दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
9 माह पूर्व मारी गई थी गोली
केपी शुक्ला उर्फ पप्पू को पुरानी रंजिश के चलते करीब 9 माह पूर्व गोली मारी गई थी। इस हमले में वह बच गए थे। पप्पू की तहरीर पर पुलिस ने जितेन्द्र पांडेय के खिलाफ जानलेवा हमले का केस दर्ज कर जेल भेजा था। आरोपी इस समय जमानत कर जेल से बाहर हैं। घटना को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। मृतक के परिजन लगातार आरोप लगा रहे हैं कि यदि स्थानीय पुलिस ने मृतक की शिकायतों को गंभीरता से लेकर कार्रवाई की होती तो शायद आज यह घटना नहीं होती।