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यूपी: प्रदेश में पांच हजार नए नोटरी अधिवक्ता किए जाएंगे नियुक्त, केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना

उत्तर  प्रदेश में पांच हजार नए नोटरी अधिवक्ता नियुक्त किए जाएंगे। सिविल, फौजदारी व राजस्व न्यायालय की बढ़ती संख्या के मद्देनजर केंद्र सरकार ने प्रदेश के विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक के प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही नोटरी अधिवक्ताओं की संख्या 5275 से 10275 करने से संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। 

जल्द शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया
प्रदेश में पांच हजार नए नोटरी अधिवक्ता नियुक्त करने के लिए आवेदन की प्रक्रिया जल्द शुरू कराई जाएगी। प्रदेश के प्रस्ताव को केंद्र से मिली मंजूरी से परोक्ष रूप से पांच हजार अतिरिक्त अधिवक्ता सहायकों को भी रोजगार मिलेगा। 

विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि वह पिछले 3 वर्षों से राज्य में नोटरी अधिवक्ताओं के पदों को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे थे। केंद्रीय कानून मंत्री से मुलाकात कर उन्हें इस कमी के कारण हो रही दिक्कतों से अवगत कराया था। वादकारियों को हो रही दिक्कतों के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने उनके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। 

पाठक ने बताया कि इनमें से आधे पद राज्य व आधे केंद्र सरकार की ओर से भरे जाएंगे। प्रदेश की मौजूदा सरकार में 610 पद सिविल जज जूनियर डिवीजन, 100 पद सिविल जज सीनियर डिवीजन और 100 पद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश स्तर के सृजित किए गए हैं। इसके अलावा 110 नई पारिवारिक अदालतें, 218 नए फास्ट ट्रैक पॉक्सो कोर्ट, 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट महिलाओं के लिए तथा 13 नए कामर्शियल कोर्ट खोलने के साथ ही सभी जिलों में मोटर एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल की स्थापना की गई। इससे नोटरी अधिवक्ताओं की काफी कमी हो गई थी।

पाठक ने बताया कि एक अनुमान नोटरी अधिवक्ता को कम से कम 30 हजार रुपये मासिक आय होती है। इनके सहायक के रूप में पांच हजार युवाओं को भी परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों को जल्द इन पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।