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रेल का खेल: ट्रेन का नाम बदला… नंबर के आगे जीरो जोड़ा, किराया कर दिया दोगुना

रेलवे ट्रेनों के नाम बदलकर और नंबर के आगे जीरो जोड़कर यात्रियों से दोगुना किराया वसूल कर रहा है। त्योहार स्पेशल ट्रेन के नाम से चलाई जा रहीं ट्रेनों की हर श्रेणी का किराया बढ़ाया गया है, जबकि स्पेशल ट्रेनों में मेल एक्सप्रेस का किराया पहले से लागू है।

 
अक्तूबर से ही त्योहार स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। आगरा कैंट स्टेशन से प्रतिदिन 100 ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इनमें से 40 ट्रेनें त्योहार स्पेशल के नाम से संचालित की जा रही हैं। 

आगरा कैंट स्टेशन पर अप व डाउन 100 ट्रेनों का आवागमन हो रहा है। ट्रेनों में लंबी वेटिंग है। मार्च 2022 से यात्रियों को ट्रेनों के साधारण कोचों में भी मेल एक्सप्रेस का किराया देना पड़ रहा है। अब त्योहार पर घर जाने के लिए भी जेब पर बोझ पड़ना तय है। इन स्पेशल ट्रेनों के आगे त्योहार स्पेशल जोड़कर किराया और बढ़ा दिया गया है। 
15 रुपये रिजर्वेशन चार्ज
रेलवे ने अनारक्षित टिकट काउंटर बंद कर रखे हैं। जनरल टिकट का रिजर्वेशन कराने के लिए यात्रियों को 15 रुपये अतिरिक्त चुकाने पड़ रहे हैं। ऐसे में त्योहार स्पेशल ट्रेनों में सेकंड सीटिंग में 10 से 15 रुपये तक, स्लीपर में 155 से 165 रुपये तक अतिरिक्त देने पड़ रहे हैं। 

आगरा से दिल्ली का किराया
श्रेणी                 नियमित      त्योहार स्पेशल
सेकंड सिटिंग    105 रुपये    115 रुपये
स्लीपर              175 रुपये    415 रुपये
3 एसी              555 रुपये    1100 रुपये
2 एसी               760 रुपये    1432 रुपये 

आगरा से प्रयागराज
सेकंड सीटिंग    185 रुपये     195 रुपये  
स्लीपर             310 रुपये     415 रुपये  
3 एसी             800 रुपये     1150 रुपये                
2 एसी            1120 रुपये     1490 रुपये
आगरा से लखनऊ
सेकंड सीटिंग    30 रुपये     145 रुपये
स्लीपर            220 रुपये     385 रुपये
2 एसी            830 रुपये     1440 रुपये
3 एसी             585 रुपये    1050 रुपये

इतना हो रहा है फायदा 
त्योहार स्पेशल ट्रेनों में चार से आठ स्लीपर कोच होते हैं। स्पेशल के स्लीपर में किराया 415 रुपये व साधारण में 175 रुपये है। दैनिक यात्री संघ के अनुसार इस समय आगरा कैंट से स्लीपर कोच में प्रतिदिन लगभग 500 यात्री दिल्ली तक का सफर करते हैं। 

प्रति टिकट 240 रुपये अतिरिक्त देने पर एक दिन में 1.20 लाख रुपये का अतिरिक्त मुनाफा होता है। एक माह में लगभग 36 लाख रुपये का मुनाफा केवल दिल्ली के स्लीपर कोच के यात्रियों से ही हो रहा है। कुल मुनाफे का अधिकारिक आंकड़ा ही नहीं है।
पैसेंजर ट्रेनें गिनी-चुनी, दैनिक यात्री परेशान
पैसेंजर ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस के रूप में चलाने से दैनिक यात्रियों पर बोझ पड़ रहा है। आगरा से पलवल का पैसेंजर का किराया कोरोना काल से पहले 35 रुपये था, जोकि अब मेल एक्सप्रेस के रूप में 65 रुपये हो गया है। 

इसी तरह पैसेंजर ट्रेनों में तकरीबन दोगुना किराया दैनिक यात्रियों को देना पड़ रहा है। दैनिक यात्री संघ के अध्यक्ष संजय वर्मा का कहना है कि अब रेलवे को स्पेशल का दर्जा खत्म करना चाहिए। सभी पैसेंजर ट्रेनों को रूट पर संचालित करना चाहिए। 

रेल अफसरों की दलील
आगरा मंडल के रेल अधिकारियों का कहना है कि किराये का निर्धारण करना रेलवे बोर्ड का कार्य है। त्योहार स्पेशल से पहले कोविड काल में क्लोन ट्रेनों का किराया भी सामान्य ट्रेनों से दोगुना था। तब भी यात्रियों ने सफर किया था।

 

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