जिला न्यायालय ने बाघंबरी मठ के महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद आनंद गिरि, आद्या प्रसाद व उनके बेटे संदीप तिवारी की न्यायिक अभिरक्षा की अवधि 12 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी है।
यह आदेश सीजेएम हरेंद्रनाथ ने सीबीआई के विवेचक आरए शुक्ला की अर्जी पर अभियोजन अधिकारी अतुल्य कुमार द्विवेदी एवं प्रदीप कुमार एवं आरोपितों के अधिवक्ता सुनील पांडेय विनीत विक्रम सिंह के तर्कों को सुनकर दिया।
अदालत को दी गई अर्जी में सीबीआई ने कहा है कि मामले की विवेचना अभी प्रारंभिक स्तर पर ही है l विवेचना अभी पूरी नहीं हो सकी है l इसलिए आरोपियों की न्यायिक अभिरक्षा की अवधि बढाई जाए। सीबीआई द्वारा अब तक की गई विवेचना केस डायरी सीजेएम के समक्ष प्रस्तुत किया।
अदालत ने कहा उपलब्ध कागजातों को और मामले की परिस्थितियों को देखते हुए न्यायिक अभिरक्षा की अवधि स्वीकार किए जाने का पर्याप्त आधार है। अदालत ने केंद्रीय कारागार नैनी के अधीक्षक को आदेश दिया है कि आरोपितों को नियत तिथि पर जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पेश किया जाए ।