पारिवारिक विवाद के बीच अखिलेश यादव यूपी के बड़े नेता के रूप में उभरे हैं. उनकी यह ब्रांडिंग न तो बसपा पचा पा रही है और न ही भाजपा. मायावती इसे ड्रामा करार चुकी हैं. भाजपा नेता भी कह रहे हैं कि इस नाटक की पटकथा पहले से लिखी गई थी. उत्तर प्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने भी अखिलेश-मुलायम, शिवपाल-रामगोपाल के बीच चली रस्साकशी पर तंज कसा है.
उन्होंने कहा है कि पिता-पुत्र और चाचा-भतीजा फैमिली ड्रामे से उत्तर प्रदेश की जनता को भ्रमित नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि यह नाटक सपा सरकार की नाकामी से प्रदेश में व्याप्त अराजकता, दंगे, बलात्कार, लूट, हत्याएं, जबरिया कब्जे के कलंक पर पर्दा डालने के लिए रचा गया था. सपा नेताओं ने जनता को भ्रमित करने के लिए बेहतरीन अदाकारी की है. लेकिन ये पब्लिक है, सब जानती है. वह पिछले पांच साल की नाकामियां भूली नहीं है.
मौर्य ने कहा कि सपा की झंडाबरदारी में हुआ जवाहरबाग कांड हो या इसके नेताओं के संरक्षण में अपराधियों द्वारा प्रदेश में अराजकता का माहौल पैदा करना. ये कलंक अखिलेश यादव के माथे से हटने वाले नहीं हैं. मौर्य ने कहा कि प्रदेश में हर दिन 24 बलात्कार, 21 बलात्कार के प्रयास, 13 हत्याएं और 33 अपहरण की घटनाएं हो रही हैं. इससे पता चलता है कि अखिलेश यादव की प्रशासनिक क्षमता कैसी है. परिवार के झगड़े का ड्रामा लेकर इन घटनाओं पर पर्दा नहीं डाला जा सकता.
समाजवादी पार्टी पर अखिलेश के कब्जे और चुनाव निशान को लेकर चुनाव आयोग में मुलायम सिंह की ओर से हलफनामा नहीं दायर किए जाने के बाद इस ड्रामे की फिक्सिंग के आरोप और पुख्ता हो रहे हैं.