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कानपुर : बिकरू में ही रुकेंगे एक दरोगा और पांच सिपाही, घर-घर जाकर ग्रामीणों को दिला रहे सुरक्षा का भरोसा

बिकरू कांड के बाद दहशतजदा ग्रामीणों में सुरक्षा का भाव पैदा करने के लिए बिकरू गांव में अस्थायी रूप से पुलिस चौकी शुरू कर दी गई है। शनिवार को थाने के दो एसआई और पांच सिपाहियों ने गांव में रुककर लोगों की समस्याएं सुनीं। अब प्रतिदिन एक दरोगा और पांच सिपाही गांव में ठहरेंगे।

दो दशक से बिकरू गांव में सिर्फ विकास दुबे की ही चौपाल लगती थी। अब पुलिस ने गांव में चौपाल लगाकर लोगों के बीच विकास दुबे की दहशत खत्म करने का प्रयास शुरू किया है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संजय ने पुलिस अफसरों से गांव में स्थायी पुलिस चौकी निर्माण होने तक अस्थायी व्यवस्था के तहत गांव में कम से कम एक दरोगा और चार कांस्टेबल तैनात करने की मांग की थी।

शनिवार को चौबेपुर थाने से एक महिला और एक पुरुष एसआई ने गांव पहुंचकर जनसंपर्क किया। एसआई भविता मिश्रा ने बताया कि गांव की महिलाओं से मित्रवत बातचीत हुई। महिलाओं ने उन्हें विकास दुबे की दहशत के कई किस्से भी सुनाए। एक महिला ने बताया कि एक बार पंडित जी (विकास दुबे) के घर काम न करने पर उनके पति को मकान के अंदर नीम के पेड़ से बांधकर दो दिन तक भूखा-प्यासा रखकर पीटा गया था।

चौबेपुर थानाध्यक्ष कृष्ण मोहन राय ने बताया कि बिकरू में पुलिस चौकी का निर्माण चल रहा है, इसलिए अस्थायी रूप से एक दरोगा और पांच सिपाहियों की ड्यूटी गांव में लगाई गई है। ये पुलिसकर्मी ग्रामीणों के संपर्क में रहेंगे और छोटी-बड़ी समस्या के निदान के लिए उचित कदम उठाएंगे।

रौतापुर में भी पुलिस चौकी बनाने की मांग
रौतापुर की जगह बिकरू गांव में चौकी बनाए जाने को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है। बता दें कि करीब एक दशक पूर्व रौतापुर में चौकी निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके लिए ग्राम प्रधान ने पांच बिस्वा जमीन भी आवंटित कर दी थी पर बिकरू कांड के बाद रौतापुर चौकी को बिकरू स्थानांतरित कर दिया गया।