यूपी चुनाव में ब्राह्मण वोटों को हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों में होड़ मची हुई है। सभी दल खुद को ब्राह्मण समाज का हितैषी दिखाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। इसी के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी विजय रथ यात्रा के 10वें चरण में दो जनवरी को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे महुराकला गांव में भगवान परशुराम के मंदिर का लोकार्पण किया था। मंदिर के सामने 68 फीट का एक फरसा लगाया गया था जो कि तेज हवाओं के कारण रविवार को गिरकर क्षतिग्रस्त हो गया।
दो जनवरी को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे महुराकला गांव में चिरंजीवी भगवान परशुराम चेतना पीठ की ओर से बनवाए गए परशुराम मंदिर का लोकार्पण समारोह कई मायनों में अहम और ऐतिहासिक रहा। सुनहरे रंग के मंदिर में भगवान परशुराम की 7.50 क्विंटल की आदमकद कांस्य प्रतिमा लगाई गई। यह मंदिर और प्रतिमा का हिस्सा जयपुर से मंगाकर मूर्तिकारों ने तैयार किया था।
इस पर लगा रेडियम रात में भी अपनी चमक बिखेरता है। करीब सौ एकड़ में फैले इस परिसर में लाइब्रेरी से लेकर धर्मशाला तक का निर्माण होगा। कार्यक्रम संयोजक व पूर्व विधायक संतोष पांडेय ने बताया था कि देश में भगवान परशुराम के मंदिर तो कई हैं, लेकिन इतना भव्य मंदिर पहली बार तैयार कराया गया है।
सपा खुद के कामों को गिनाते-गिनाते अब भगवान परशुराम की शरण में पहुंच गई है। वह भगवान परशुराम के नाम और खुद के काम को जोड़कर नई लकीर खींच रही है। इसे सपा की भाजपा के हिंदुत्व से मुकाबले की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है साथ ही यह ब्राह्मण वोटों को लुभाने की रणनीति का हिस्सा भी है।
अखिलेश यादव ने कार्यक्रम में सपा की सरकार बनने पर संस्कृत विद्यालयों का जीर्णोद्धार कराने का भी वादा किया था। इन विद्यालयों में अध्यापक से लेकर अन्य सभी पदों को भरा जाएगा। उनमें वेद पाठ के साथ ही आधुनिक विज्ञान के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।