चमोली जिले में सोमवार को भी बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहा। बदरीनाथ धाम में करीब चार फीट और हेमकुंड साहिब में पांच फीट तक बर्फ जम गई है। इसके अलावा रुद्रनाथ, लाल माटी, नंदा घुंघटी, फूलों की घाटी, गौरसों बुग्याल, औली, सहित नीती और माणा घाटी में जमकर बर्फबारी हुई है। जिले में 80 से अधिक गांव बर्फ से ढक गए हैं। पैदल रास्तों पर कई फीट बर्फ जम जाने से ग्रामीणों के सम्मुख आवाजाही का संकट भी गहरा गया है। अत्यधिक ठंड के कारण ग्रामीण पानी को गरम कर पी रहे हैं। खेतों में चारों ओर बर्फ जम जाने के कारण मवेशियों के लिए चारापत्ती का इंतजाम करना भी मुश्किल हो गया है।
रविवार को दोपहर बाद मौसम सामान्य हो गया था, लेकिन देर रात फिर मौसम ने करवट बदली और बारिश-बर्फबारी शुरू हुई, जो सोमवार को भी जारी रही। हालांकि दोपहर में कुछ देर के लिए धूप खिली, तो लोगों ने कड़ाके की ठंड से राहत ली, लेकिन शाम चार बजे से फिर बारिश शुरू हो गई। जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के गांव पाणा, ईराणी, डुमक, कलगोठ, रामणी, मोहनखाल, नैल, नौली, कलसिर, नागनाथ सहित 80 से अधिक गांव बर्फ से ढक गए हैं।
पिंडारघाटी के 30 से अधिक गांव में हुए कैदबर्फबारी के कारण पिंडरघाटी के गुमड़, हरिनगर लेटाल, कलचूना, गेरूड़, रूईसाण, घिनपाणी सहित 30 से अधिक गांव बर्फ में कैद हैं। इन गांवों में एक-एक फीट बर्फ जमी है। शुक्रवार शाम से हो रही बारिश और बर्फबारी सोमवार को भी जारी रही, जिससे छह हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बर्फबारी से हरिनगर लेटाल, कलचूना, तैलाण, प्रांत, रतगांव कोलपुड़ी में कई प्राकृतिक स्रोत जमने से क्षेत्रों में पेयजल किल्लत हो गई है। साथ ही पशुपालकों को पशुओं के लिए चारे और पानी की किल्लत हो गई है।
पशुपालक गबर सिंह, राजेंद्र राम, चैतराम, सोबन सिंह, बलवंत सिंह ने कहा कि जंगलों में चारा बर्फ से ढक गया है और पानी के स्रोत जमने से पेयजल आपूर्ति ठप है। कई जगह सड़कों पर मलबा आने से आवाजाही ठप हो गई है। वहीं आदिबदरी क्षेत्र के सिलपाटा, डोल्टू, प्यूंरा, लंगटाईं, पज्यांणा, पंडाव, डांडा-मज्याड़ी, पिंडवाली गांव बर्फ से ढक गए हैं। जंगलचट्टी व दिवालीखाल में भी भारी बर्फबारी हुई है। कर्णप्रयाग, सिमली, आदिबदरी से बड़ी संख्या में लोग बर्फबारी देखने पहुंच रहे हैं। वहीं गैरसैंण के ऊंचाई वाले इलाकों दूधातोली, पैंसर, पनछुया और अंज्ञारी महादेव में भी हिमपात हुआ है।