कोरोना संक्रमण की वजह से विश्वविद्यालय और वाराणसी के इंटर तक के विद्यालय 16 जनवरी तक बंद हैं, लेकिन 14 से 16 जनवरी तक चलने वाले मेगा टीकाकरण अभियान के लिए सभी छात्रों को विद्यालय आना पड़ेगा। इसमें जिन छात्रों ने टीकाकरण करा लिया है, उन्हें प्रमाणपत्र प्रधानाचार्य के पास जमा करना होगा।
इसके बाद वह घर चले जाएंगे, जबकि बाकी बच्चों को उनके विद्यालय और आसपास के केंद्र पर टीका लगाया जाएगा। इसमें लापरवाही पर प्रधानाचार्यों पर ही कार्रवाई की जाएगी। अभियान में इंटर तक के सभी विद्यालयों के साथ ही विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, संस्कृत विद्यालय, कोचिंग संस्थाएं, मदरसा, आईटीआई, पॉलिटेक्निक सहित अन्य शिक्षण संस्थानों को शामिल किया गया है।
टीकाकरण की जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंधन की
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि विद्यालयों में एक जनवरी 2004 और एक जनवरी 2007 के बीच जन्म किशोरों अनिवार्य रूप से आएंगे। उनके टीकाकरण की जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंधन की होगी। कहा कि इसमें लापरवाही पर शिथिलता पाए जाने पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्यवाही की जाएगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. विनोद कुमार राय ने सभी प्रधानाचार्यों को पत्र भेजकर जिला प्रशासन के आदेश के अनुपालन में विद्यालय के नजदीक के पीएचसी, सीएचसी से संपर्क कर टीकाकरण करवाने को निर्देशित किया है।
वाराणसी में 48 लाख से ज्यादा लोगों को लगा कोरोना का टीका
वाराणसी के शहरी और ग्रामीण इलाकों में बने टीकाकरण केंद्रों पर बृहस्पतिवार को 28368 लोगों ने टीका लगवाया। इसमें 15 से 18 साल तक के 11442 किशोर और 1396 फ्रंट लाइन वर्कर और स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रीकॉशन डोज लगवाई। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि अभियान चलाकर लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं।
अब तक कुल 4837963 को टीका लग चुका है, जिसमें 2912333 को पहला और 1803406 को दूसरी डोज लगाया जा चुका है। इसके अलावा 5144 को प्रीकाशनरी और 117080 किशोर ने भी टीका लगवाया है। उधर बरेका में बृहस्पतिवार को 15 से 18 वर्ष के 200 बच्चों का टीकाकरण हुआ।