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लखनऊ की फिजा खराब करके एलडीए भरेगी खजाना

फिजा खराब करके आय की तरकीब

brekin-1 लखनऊ : शहर की सूरत बिगाड़कर लखनऊ विकास प्राधिकरण मालामाल होने जा रहा है। 430 आवेदनकर्ताओं को घरों में वाणिज्यक गतिविधियां करने की इजाजत देकर एलडीए डेढ़ अरब से ज्यादा कमाने जा रहा है। इतना राजस्व एलडीए को किसी भी योजना से नहीं मिला है। मुख्य नगर नियोजक की ओर से आगामी पंद्रह दिनों के भीतर पैसा जमा करने के लिए पत्र भेजने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जा रही है। समय से पैसा न जमा करने पर आवेदन निरस्त भी किए जा सकते हैं।
एलडीए के खाते में मात्र 164 करोड़ रुपये बचे हैं। इनमें हर माह दस से बारह करोड़ रुपये वेतन व अन्य मदों में खर्च हो रहा है। अफसरों को उम्मीद है कि नए प्रयासों से एलडीए का खजाना फरवरी से भरना शुरू हो जाएगा। पहली सूची में 71 आवेदनकर्ताओं को कितनी-कितनी धनराशि जमा करनी है, इसके लिए काम शुरू हो गया है। इस फाइल पर एलडीए का कास्टिंग विभाग शुक्रवार से काम करना शुरू कर देगा। माना जा रहा है रसूखदारों को औसतन छत्तीस से पचास लाख रुपये पूरे भवन को कमर्शियल कराने के लिए जमा करना पड़ सकता है।
कमर्शियल कराने पर 36 लाख
औसतन आवेदनकर्ताओं के प्लाट दो सौ वर्ग मीटर या उससे ऊपर के हैं। ऐसे में अगर आवेदनकर्ता पूरा भवन कमर्शियल कराता है तो उसे सेक्टर रेट अठारह हजार रुपये के हिसाब से 36 लाख रुपये जमा करने पड़ेंगे। यह रकम दो सौ वर्ग मीटर प्लाट की होगी। प्लाट का एरिया कम या ज्यादा होने पर फीस घट बढ़ सकती है। सेक्टर रेट एलडीए के क्षेत्रों के हिसाब से हैं।
प्रभाव शुल्क पर नौ लाख
घरों को नर्सिग होम, बैंक, गेस्ट हाउस, होटल, स्कूल में परिवर्तन कराने पर आवेदनकर्ता को सेक्टर रेट का 12.5 फीसद शुल्क जमा करना होगा। यानी 4500 रुपये प्रति स्क्वायर वर्ग मीटर। प्लाट के एरिया को उक्त धनराशि से गुणा करके अपनी अवैध गतिविधियों को वैध कराया जा सकता है।
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मुख्य नगर नियोजक के यहां से कास्टिंग के लिए फाइलें आई हैं। जल्द ही इस पर काम शुरू होगा। कास्टिंग कराने के बाद फाइल संबंधित विभाग को भेज दी जाएगी।
मुकेश अग्रवाल, डिप्टी कास्ट, एलडीए
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पहली लिस्ट कास्टिंग की जा चुकी है। दूसरे का सर्वे चल रहा है। इसके बाद उसे भी भेजा जाएगा। फिर कास्टिंग की जाएगी।
जेएन रेड्डी, मुख्य नगर नियोजक, एलडीए