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शोषण की घिनौनी दास्तां: तीन साल की अनाथ को घर ले आई समाज सेविका, बड़ी होने पर कराने लगी ऐसा काम

गाजियाबाद में तीन साल की अनाथ बच्ची को सामाजिक संगठन की एक महिला बिना गोद लिए घर ले गई और जब वह बड़ी हो गई तो उससे घर का काम कराने लगी। आरोप है कि महिला उसे पीटती भी थी। गत दिनों 11 वर्ष की हो चुकी बालिका पगडंडिया संस्था को मिली थी, जिसको उन्होंने चाइल्ड लाइन को सौंप दिया था। सीडब्लयूसी के सामने बालिका के बयान हुए हैं और उसके मेडिकल के बाद बालिका को अब बाल आश्रम में रखा गया है।

संस्था की अध्यक्ष शालू पांडे ने बताया कि उनको यह बालिका न्यू आर्य नगर कालोनी से मिली थी। बालिका आरडब्ल्यूए अध्यक्ष और सिविल डिफेंस सदस्य संध्या त्यागी के पास पहुंची तो उन्होंने इसकी जानकारी दी। हम दोनों उसको सीडब्ल्यूसी के कार्यालय ले गए, वहां उसने बयान दिया है कि उसे एक सामाजिक संगठन की महिला घर ले गई थी और घर का काम कराती थी। एक रात उसकी पिटाई कर घर से निकाल दिया, जिसके बाद वह न्यू आर्य नगर की अपनी एक सहेली के जरिये काम ढूंढने आई थी।

शालू पांडे ने बताया कि बालिका ने अपने बयान में बताया है कि जब वह तीन-चार वर्ष की थी तब हिंडन विहार में रहने वाली इस महिला ने सभी के सामने घोषणा करके कहा था कि, मैंने इसे गोद ले लिया, यह मेरी बेटी है। कुछ दिन बाद उन्होंने नेहरूनगर में रहने वाली एक महिला के यहां बच्ची को छोड़ दिया।

आठ साल से समाजसेविका बच्ची से करा रही घर के काम

जब वह आठ वर्ष की थी तब उन्होंने उस महिला के यहां से अपने यहां बुला लिया। उसके बाद वह उससे घर के काम कराने लगी। खाना बनाने से लेकर साफ-सफाई और अपनी सेवा कराती थी। काम में कुछ कमी रहने पर उसकी पिटाई की जाती थी। 

बालिका का कहना है कि महिला ने हिंडन विहार के एक बाबा और एक अन्य व्यक्ति पर मेरे उत्पीड़न और छेड़छाड़ का आरोप लगा कर लड़ाई की थी लेकिन उन लोगों ने मेरे साथ कुछ भी नहीं किया था। मुझे कहा था कि तुम सभी के सामने यही कहना कि उन्होंने छेड़छाड़ की थी।

बालिका के बयान ले लिए गए हैं और उसका मेडिकल भी करा दिया गया है, उसके जो आरोप हैं उसकी जांच कराई जाएगी इसके बाद कार्रवाई होगी। फिलहाल बच्ची अभी छोटी है तो उसको आश्रम में रखा गया है। विभाग में इस बच्ची को गोद लेने की किसी प्रक्रिया के साक्ष्य नहीं हैं।-विकास चंद्र, डीपीओ 

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