आम आदमी पार्टी बाकी 19 सीटों पर जल्द प्रत्याशी घोषित कर सकती है। इसके लिए दावेदारों के नामों पर मंथन चल रहा है। आज या कल पार्टी प्रत्याशियों का एलान कर सकती है। आप अभी तक 51 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। 19 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होनी बाकी है। कांग्रेस और भाजपा में टिकटों को लेकर चल रही खींचतान को लेकर आप ने भी 19 सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए थे। बाकी सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर आप के शीर्ष नेता मंथन कर रहे हैं। आप प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया का कहना कि जल्द ही बाकी सीटों पर प्रत्याशियों के एलान किया जाएगा।
परिसंपत्तियों पर स्थिति साफ करें सीएम धामी : कोठियाल
आम आदमी पार्टी के नेता कर्नल अजय कोठियाल (रिटायर्ड) ने कहा कि राज्य गठन के 21 साल बाद भी उत्तर प्रदेश से परिसंपत्तियों के बंटवारे का मसला हल नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सच्चे हैं, तो जनता के सामने परिसंपत्तियों के बंटवारे पर स्थिति साफ करें।
सोमवार को कोठियाल ने मुख्यमंत्री धामी पर निशाना साधा। कहा कि राज्य बने 21 साल हो गए हैं, लेकिन उत्तराखंड अपनी परिसंपत्तियों का मालिक नहीं है। इसके लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों जिम्मेदार हैं, जिन्होंने सिर्फ स्वार्थ की राजनीति की है। कोठियाल ने कहा कि दोनों ही दलों ने 80 लोकसभा सीट वाले उत्तर प्रदेश का पक्ष लिया और पांच लोक सभा सीट वाले उत्तराखंड के हितों को अनदेखा किया।
कहा कि कुछ माह पहले मुख्यमंत्री ने बयान दिया था कि परिसंपत्तियों का मसला हल हो गया है। कोठियाल ने चुनाती दी कि यदि सीएम झूठ नहीं बोल रहे हैं तो पूरा सच जनता के सामने रखें। कहा कि सिंचाई विभाग की 13 हजार हेक्टेयर भूमि 21 साल बाद भी उत्तर प्रदेश के कब्जे में है। परिवहन विभाग की 700 करोड़ रुपये की संपत्ति आज भी उत्तर प्रदेश के कब्जे में है। भीम गौड़ा (हरिद्वार), रामगंगा (कालागढ़) और लोहिया हेड (बनबसा) के बैराज पर भी उत्तर प्रदेश का अधिकार है।
टीएचडीसी हाइड्रो परियोजना में उत्तर प्रदेश की 25 प्रतिशत पूंजी उत्तराखंड को मिलनी है। उन्होंने कहा कि ऐसी और कई संपत्तियां हैं, जो अभी तक उत्तराखंड को नहीं मिली हैं। यदि ये परिसंपत्तियां उत्तराखंड को मिल जाएं तो सरकार के राजस्व में लाखों करोड़ों की वृद्धि होगी। इस राशि से उत्तराखंड में अच्छे स्कूल, अस्पताल, युवाओं को रोजगार और मुफ्त बिजली पानी की सुविधा दी जा सकती है। अकेले टिहरी बांध की रॉयल्टी से पूरे उत्तराखंड को मुफ्त बिजली मिल सकती है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा ने इस पर कुछ नहीं किया है।