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लखीमपुर खीरी कांड: आशीष मिश्र को रिहाई के लिए करना होगा इंतजार, जमानत मंजूर होने के बाद तकनीकी पेच फंसा

लखीमपुर हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बृहस्पतिवार को जमानत दे दी, लेकिन तकनीकी कारणों से रिहाई नहीं हो सकेगी। तकनीकी कारणों को संशोधित करने के लिए आशीष मिश्र के वकील कोर्ट में अर्जी देंगे जिसके बाद ही उसकी रिहाई हो सकेगी।

लखीमपुर खीरी कांड में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे। आशीष केंद्र सरकार में मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे हैं। आशीष को जमानत ठीक उस दिन मिली है, जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटलैंड में वोट डाले जा रहे थे।

लखनऊ बेंच ने अजय मिश्र की याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद 18 जनवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस राजीव सिंह ने इस मामले में गुरुवार को उन्हें जमानत दी। अजय के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में उनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं है।

जमानत याचिका का विरोध करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता वीके साही ने कहा था कि घटना के वक्त आशीष उसी गाड़ी में मौजूद थे, जिससे किसानों को रौंदा गया था। पिछले साल तीन अक्तूबर को लखीमपुर खीरी में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे किसानों पर तेज रफ्तार एक गाड़ी चढ़ा दी गई थी। इसमें और इसके बाद भड़की हिंसा में आठ लोग मारे गए थे। इस मामले में आशीष मिश्र भी आरोपी हैं।

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