देश में 2018 से 2020 के बीच कैंसर के 40 लाख से अधिक मामले सामने आए। वहीं, 22.54 लाख की मौत हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (एचडब्ल्यूसी) के तहत सामान्य कैंसर की जांच की जाती है। स्वास्थ्य गतिविधियों को बढ़ावा देने और सामुदायिक स्तर पर कैंसर के निवारक पहलूओं को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत 22 नए एम्स और कई उन्नत संस्थानों में ऑन्कोलॉजी पर खास ध्यान दिया गया है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत कैंसर का इलाज भी उपलब्ध है।
जानलेवा बीमारी की खौफनाक हकीकत
वर्ष मरीज मौतें
2020 13,92,179 7,70,230
2019 13,58,415 7,51,517
2018 13,25,232 7,33,139
जीवन शैली और प्रदूषण भी जिम्मेदार
कैंसर बहुकारक बीमारी है। इसके जोखिम कारकों में बढ़ती आबादी गतिहीन जीवन शैली, तंबाकू उत्पादों का उपयोग, शराब, अस्वास्थ्यकर आहार और वायु प्रदूषण शामिल हैं।
15 लाख तक की आरोग्य निधि
मांडविया ने कहा, राष्ट्रीय आरोग्य निधि और स्वास्थ्य मंत्री विवेकाधीन अनुदान (एचएमडीजी) के तहत कैंसर सहित जानलेवा बीमारियों से पीड़ित गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले मरीजों को वित्तीय सहायता दी जाती है।
●एचएमडीजी के तहत अधिकतम 1,25,000 रुपये और राष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत 15 लाख रुपये की अधिकतम सहायता दी जाती है।