Russia Ukraine War । रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में आने वाले समय में आपकी जेब पर भी इसका असर पड़ सकता है। गौरतलब है कि रूसी सेना ने यूक्रेन की सीमा में प्रवेश कर लिया है और रूस ने मिसाइलों और अन्य हथियारों की मदद से हमला किया। हालांकि रूस के इस कदम से नाराज होकर अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे देशों ने रूस पर सीमित प्रतिबंध लगा दिए हैं। साथ ही यह भी आशंका जताई जा ही है कि रूस-यूक्रेन युद्ध संकट से आने वाले दिनों में भारत में भी महंगाई बढ़ सकती है।
रूस और यूक्रेन से भारत के व्यापारिक संबंध
भारत पर रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव को समझने के लिए सबसे पहले यह जानना होगा कि इन दोनों देशों के साथ भारत के संबंध कैसे हैं। दरअसल भारत के रूस और यूक्रेन दोनों देशों के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध हैं। भारत के हजारों छात्र हर साल मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन जाते हैं। वहीं दूसरी ओर रूस में छात्रों के साथ-साथ नौकरीपेशा भारतीय लोग भी हैं। भारतीय दूतावास के मुताबिक रूस में करीब 14,000 भारतीय रहते हैं, जिनमें से करीब 5 हजार छात्र हैं। वहीं, 500 कारोबारी हैं।
युद्ध के कारण सबसे पहले तेल की कीमतों पर असर
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण सबसे ज्यादा असर सबसे पहले तेल की कीमतों पर पड़ेगा और इसका सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी होगा। तेल की कीमतों में तेजी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति निर्मित हो सकती है। हालांकि भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस बात पर सहमति जताई है कि सीधे तौर पर कारोबार में कोई अंतर नहीं आएगा, लेकिन तेल की बढ़ती कीमतों का असर भारत की अर्थव्यवस्था पर असर डाल सकती है। कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है और आशंका है कि विधानसभा चुनाव के बाद तेल की कीमतें देश में 10 रुपए तक बढ़ाई जा सकती है।
85 फीसदी तेल आयात करता है भारत
भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल आयात करता है। इसमें से ज्यादातर सऊदी अरब और अमेरिका से आयात किया जाता है। साथ ही भारत ईरान, इराक, ओमान, कुवैत, रूस से भी तेल खरीदता है। अगर लगातार युद्ध की स्थिति निर्मित रहती है तो आने वाले दिनों में तेल की कीमतों में फिर उछाल आ सकता है। फिलहाल की स्थिति में ही तेल की कीमतें 8 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
भारत में बढ़ सकती है महंगाई
गौरतलब है कि तेल की कीमतें सीधे तौर पर महंगाई से प्रभावित होती हैं। सब्जियों और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि पेट्रोल के दाम डेढ़ महीने से नहीं बढ़े हैं, लेकिन इस बीच अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल में 15-17 फीसदी का उछाल आया है।
यूक्रेन व रूस से इन चीजों का आयात करता है भारत
यूक्रेन दुनिया में सबसे अधिक परिष्कृत सूरजमुखी का निर्यात करता है। यूक्रेन के बाद परिष्कृत आपूर्ति में रूस नंबर एक है। युद्ध के हालात में भारत में सूरजमुखी के तेल में कमी आ सकती है और कीमतों में बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है। इसके अलावा भारत यूक्रेन से उर्वरक भी आयात करता है। यूक्रेन भारतीय नौसेना के कुछ टरबाइन भी बेचता है। वहीं रूस से भारत मोती, कीमती पत्थर, धातु से आयात करता है। स्मार्टफोन और कंप्यूटर बनाने के लिए कई धातुओं का उपयोग रूस से किया जाता है।