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Russia-Ukraine war: यूक्रेन में फंसी बालाघाट की मुस्कान गौतम

बालाघाट: नगर वार्ड दो भटेरा में रहने वाली ममता गौतम की बेटी मुस्कान यूक्रेन के किवोग्रात में फंसी हैं। यहां एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही मुस्कान युद्ध के हालातों के बीच फस गई है। घर वापसी के लिए वह जतन कर रही है, इधर मां ममता गौतम उसका इंतजार कर रही है। ममता गौतम बताती हैं कि पांच साल पहले उनकी बेटी का यूक्रेन की यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस में एडमिशन हुआ, उस वक्त पूरा परिवार खुश था। तीन महीने पहले तक सब ठीक था। अचानक पति की ब्रेन हेमरेज के कारण मौत हो गई। और अब रूस व यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध मे, वहां उनकी बेटी फंस गई है। जिसकी उन्हें चिंता सता रही है।

टीवी के सामने से नजर नहीं हट रही: ममता गौतम बताती हैं कि जब से युद्ध के हालात बने हैं और यूक्रेन में हमले शुरू हुए तब से टीवी के सामने बैठी रहती हैं। हर पल मोबाइल को अपने हाथ में लिए रखकर उसके फोन का इंतज़ार करती हैं।

बेटी के यूक्रेन में फसने से बढ़ी चिंता: नगर के भटेरा चौकी क्षेत्र में रहने वालीं ममता गौतम का दुख और तकलीफ पीछा नहीं छोड़ रही हैं। तीन माह पहले पति मनोज गौतम (शिक्षक) के निधन के बाद जब खुद को संभाला, तो बड़ी बेटी मुस्कान गौतम (22) को यूक्रेन के किवोग्रात शहर में मुश्किल हालातों में घिरा देख चिंता बढ़ गई है।

गले से निवाला भी नहीं उतर रहा: ममता गौतम ने बताया कि पिछले चार दिनों से गले से निवाला तक नहीं उतरा है। मुस्कान जब फोन पर खुद को सुरक्षित बताती है, तब राहत तो मिलती है, लेकिन जब वह यूक्रेन के हालात बताती है तो दिल सहम जाता है।उसके शहर में कर्फ्यू के हालात हैं। मां बालाघाट में अकेले रहती हैं।

यूक्रेन से बेटी को वापस लाने की गुहार: यूक्रेन में मुस्कान मुश्किल हालातों से गुजर रही है। लेकिन अब तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली है। बेटी को यूक्रेन भारत लाने में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन मदद करे।

अकेली पड़ गई हैं ममता: मुस्कान यूक्रेन के एमबीबीएस (पांचवा वर्ष) कर रही है। जल्द ही उसकी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी होने वाली है। जबकि छोटी बेटी कशिश गौतम (20) दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। ममता घर पर अकेली हैं। उनके लिए भागदौड़ करने वाला कोई नहीं है।

एयरपोर्ट तक नहीं पहुंच पाई मुस्कान: ममता गौतम ने बताया, बेटी मुस्कान की शुक्रवार को यूक्रेन के कीव एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए फ्लाइट थी। जिससे उसे किवोग्रात से सुबह आठ घंटे का सफर कर कीव एयरपोर्ट पहुंचना था, लेकिन हालात इतने बिगड़े कि वह एयरपोर्ट तक नहीं पहुंच सकी। रूसी सेना द्वारा एयरपोर्ट पर हमला करने के कारण सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गई है। मुस्कान की दिल्ली से नागपुर तक के लिए भी फ्लाइट बुक थी।

– कीव एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए आम दिनों में 30 हजार रुपये की टिकट मिलती है।

– युद्ध से पनपे हालातों के चलते उसी टिकट के लिए 75 हजार रुपए देने पड़े।

मदद का इंतज़ार: ममता गौतम बताती हैं कि बेटी मुस्कान से संपर्क करने में उन्हें मुश्किल हो रही है। गुरुवार की रात करीब 3 बजे और शुक्रवार को सुबह 10 व 4 बजे के आसपास उससे बातचीत हुई थी। मुस्कान के मुताबिक, यूक्रेन के हालत बहुत खराब हैं। कीव के ज्यादातर हिस्सों में रूस ने कब्जा कर लिया है। एयरपोर्ट पर भी कब्जा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय उड़ान भी भी बंद हो चुकी हैं। इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। किवोग्रात शहर के चारों तरफ से लगातार धमाके हो रहे हैं, लेकिन बेटी को सुरक्षित भारत लाने में कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही है।

बालाघाट निवासी मुस्कान गौतम के यूक्रेन के किवोग्रात में फंसे होने की जानकारी मिली है। उन्हें सकुशल भारत लाने के लिए राज्य स्तर पर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

समीर सौरभ, एसपी, बालाघाट

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