देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का मानना है कि यूपी में बेरोजगारी दर को न्यूनतम करने के लिए जीएसडीपी (राज्य सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि दर 8 फीसदी सालाना होनी चाहिए। वे कहते हैं कि पिछले 30-32 वर्षों में यूपी काफी पीछे चला गया है। यहां की जीएसडीपी वृद्धि दर ऋणात्मक है। स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करके बेरोजगारी पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है लेकिन, गैर कांग्रेसी सरकारों ने इस तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। उनसे विभिन्न मुद्दों पर अजीत बिसारिया ने विस्तार से बात की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश…
यूपी में बेरोजगारी कैसे खत्म हो सकती है?
यूपी में डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ और शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं। स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करके बेरोजगारी पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। श्रम शक्ति का एक बड़ा हिस्सा एमएसएमई सेक्टर में खपता है, लेकिन दुर्भाग्य से यूपी में यही सेक्टर काफी खराब स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि यूपी की वास्तविक जीएसडीपी वृद्धि दर न्यूनतम 8 प्रतिशत रहनी चाहिए। तब हम बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार दे पाएंगे।
बेरोजगारी को क्या पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है?
दुनिया के किसी भी देश में बेरोजगारी शून्य नहीं है और न ही हो सकती है, लेकिन इसे शून्य के नजदीक लाया जा सकता है।
कहा जाता है कि उदारीकरण की नीतियां छोटे उद्योगों को खा रही हैं?
ऐसा बिल्कुल नहीं है। मैं उदारीकरण का समर्थक हूं। रोजगार के अवसर बढ़ाने, राष्ट्र को संपन्न बनाने और लोगों को धनी बनाने के लिए उदारीकरण जरूरी है।
महंगाई पर काबू पाने के क्या तरीके हैं?
स्पष्ट कर देता हूं कि मेरा यह जवाब यूक्रेन संकट से पहले की स्थितियों को देखते हुए है। हमें पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स कम होना चाहिए और जीएसटी की दरों में कटौती होनी चाहिए। आयात कर भी कम होनी चाहिए। जहां तक यूक्रेन संकट की बात है तो देखना होगा कि यह कब तक समाप्त होता है। सप्लाई चेन बहाल न होने पर नई तरह की चुनौतियां सामने आएंगी, इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
यूपी में किस तरह का राजनीतिक परिदृश्य उभर रहा है?
बस इतना कह सकता हूं कि प्रियंका गांधी वाड्रा के आने से यहां असली मुद्दों पर बात होने लगी है।
क्या चुनाव परिणाम कांग्रेस के अनुकूल रहेंगे?
आप लोग (मीडिया) बेहतर जानते हैं। मेरी तो यही अपील है कि यूपी की जनता को बदलाव लाने के लिए कांग्रेस के साथ आना चाहिए।
प्रदेश में गाय, गोबर और मंदिर जैसे मुद्दों पर आपका क्या नजरिया है?
मैं मंदिर निर्माण, गायों की रक्षा और गोबर के बेहतर इस्तेमाल के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन लोगों को रोजगार, स्व रोजगार और बेहतर जीवन स्तर देना भी सरकारों की जिम्मेदारी होती है। यूपी में पिछले 30-32 वर्षों में इस दिशा में ठीक से काम नहीं हुआ। इसका नतीजा भी आकंड़ों में दिख रहा है।
भाजपा सरकार मुफ्त राशन दे रही है। क्या इससे वित्तीय बोझ नहीं बढ़ेगा?
यह काम गरीबी की वजह से करने पड़ते हैं। जन कल्याणकारी स्टेट में इस तरह के कार्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बस, यह अलग-अलग सरकारों पर निर्भर करता है कि वे किन कल्याणकारी कार्यों को प्राथमिकता देती है।
कांग्रेस अपनी वर्तमान स्थिति से कैसे उभर सकती है?
देखिए, 1977 में भी यही कहा जाता था कि अब कांग्रेस की कभी वापसी नहीं होगी, लेकिन हमने उसके बाद बार-बार सरकार बनाई। भविष्य में भी ऐसा ही होगा।
क्या कांग्रेस 2022 से ज्यादा 2024 की तैयारी कर रही है?
आज हम जो काम कर रहे हैं, उसका फायदा 2024 और 2027 में भी मिलेगा।