राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से जरूरतमंद लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक कानून लाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने लोगों को अधिकार देने के युग की शुरुआत की थी। उन्होंने लोगों को शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, मनरेगा के तहत रोजगार का हक जैसे कई अधिकार दिए थे।
सीएम ने कहा कि देशवासियों को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार होना चाहिए। बेसहारा, अकेली महिलाएं, बुजुर्ग और मजदूर वर्ग सहित तमाम जरूरतमंद लोगों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए केंद्र सरकार को कानून लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मशीनों का अपना महत्व है, लेकिन मानव श्रम सबसे महत्वपूर्ण है और उनकी देखभाल करना हर सरकार का कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब लोग वृद्ध हो जाते हैं और काम करने में सक्षम नहीं होते, तब उन्हें सुरक्षा देने में सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना, सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज और सीएम चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत राशि बढ़ाने सहित कई अच्छी पहल की हैं। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अब 10 लाख रुपये का इलाज किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने इन योजनाओं की दी जानकारी
- इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की तरह, शहरी क्षेत्रों में जरूरतमंद परिवारों को भी 100 दिनों का रोजगार मिलेगा।
- कोरोना महामारी के दौरान हमने बेसहारा परिवारों को 5,500 रुपये की वित्तीय सहायता देने की पहल की है।
- जिन बच्चों ने अपने माता-पिता और जिन महिलाओं ने कोरोना काल में अपने पति को खो दिया है, उनके लिए पिछले साल जून में वित्तीय राहत पैकेज की घोषणा की गई थी। पति को खोने वाली महिलाओं को एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि और 1,500 रुपये प्रति माह पेंशन दी गई है। इन विधवाओं बच्चों के लिए एक हजार रुपये प्रति बच्चे और 2500 रुपये प्रति माह स्कूल की किताबों और पोशाक के लिए दिए जाते हैं।