यूक्रेन के सबसे अधिक बमबारी वाले इलाके खारकीव में फंसे सूटरगंज ग्वालटोली के आरव सिंह और उनकी बहन अक्षरा धमाकों से मची भगदड़ के बीच बिछड़ गए हैं। ये लोग पोलैंड बॉर्डर के लिए निकले थे, तभी धमाके होने लगे। परिजनों ने बताया कि हालांकि दोनों सुरक्षित हैं। अक्षरा छह मार्च को घर आ जाएगी। हालांकि आरव को आने में समय लगेगा। वे शनिवार को बस से पोलैंड बॉर्डर के लिए निकले हैं। बॉर्डर वहां से 1600 किमी दूर है।
आरव की मां डॉ. मधुरिमा सिंह ने बताया कि तीन दिन पहले जब बेटा खारकीव से पोलैंड के लिए निकलने वाला था, तभी महज 20 मीटर दूरी पर बम का बड़ा धमाका हुआ। सभी बच्चे इस घटना से सहम गए थे और भगदड़ मच गई। कई छात्रों के साथ ही आरव और अक्षरा भी बिछड़ गए। जिसे जहां मिली, वहां छिप गए।
कई दिनों तक बंकर में रहने के बाद शनिवार को आरव वहां से निकल पाया है। दो दिन बाद वह पोलैंड बॉर्डर पहुंचेगा। वहां से फ्लाइट से आएगा। बताया कि जिस समय वह खारकीव से निकला था, उसके हाथों में तिरंगा झंडा था। उसके साथ करीब एक हजार छात्र पोलैंड सीमा के लिए आगे बढ़ रहे हैं। आरव और अक्षरा मेडिकल पढ़ाई के चार सेमेस्टर पूरा कर चुके हैं।